यमुना में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, हरियाणा सरकार को नोटिस जारी
सुप्रीम कोर्ट ने यमुना नदी में प्रदूषण पर स्वत संज्ञान लिया है और मामले में वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा को न्याय मित्र नियुक्त किया। इसके अलावा कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। दिल्ली जल बोर्ड ने अर्जी दाखिल की है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने यमुना नदी में प्रदूषण पर स्वत: संज्ञान लिया है और वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा को न्याय मित्र नियुक्त किया। इसके अलावा कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। दिल्ली जल बोर्ड ने अर्जी दाखिल कर हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा अधिक होने की शिकायत की है।डीजेबी ने अर्जी में कहा है कि वह नदी में अमोनिया स्तर अधिक होने के कारण दिल्ली के सभी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करने में असमर्थ है, जो हरियाणा से यमुना के पानी में प्रवेश कर रहा है।
डीजेबी की प्रतिनिधि एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि हरियाणा में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) ठीक से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है और पीने लायक नहीं है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पानी में प्रदूषक तत्व प्रमुख मुद्दा हैं। पीठ ने अरोड़ा को कहा, एसटीपी द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
डीजेबी ने कहा कि पानी में अमोनिया का स्तर 0.9 पीपीएम से कम होना चाहिए। इसके बजाय उसे हरियाणा से 300 क्यूसेक अत्यधिक प्रदूषित पानी प्राप्त होता है। इसके अलावा क्लोरीनयुक्त पानी में अमोनिया के कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चिंताओं का हवाला दिया गया। अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले यमुना के पानी में अमोनिया स्तर ज्यादा होने के कारण डीजेबी, दिल्ली की पानी की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दिल्ली में यमुना नदी में गंदगी के मुद्दे पर भी स्वत: संज्ञान लेगा और न्याय मित्र नियुक्त किया। इसके अलावा कोर्ट ने डीजेबी को हरियाणा सरकार को कागजात देने के लिए भी कहा और मामले को अगले सप्ताह मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।