सुप्रीम कोर्ट ने बोरवेल में बच्चों की मौतों पर केंद्र, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को किया तलब
वकील जीएस मणि ने सर्वोच्च अदालत से अपील की है कि वह अदालत के अगस्त 2010 के आदेशों के संबंध में सरकारों की ओर से अब तक उठाए गए कदमों का ब्योरा दें।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने खुले बोरवेल में गिरकर मरने वाले बच्चों के बारे में केंद्र, राज्यों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब तलब किया है। सर्वोच्च अदालत ने पूछा है कि देश भर में खुले बोरवेल में गिरकर मरने वाले बच्चों को बचाने में सरकारें क्यों विफल रही हैं।
अरुण मिश्रा और एमआर शाह की खंडपीठ ने सोमवार को वकील जीएस मणि की याचिका पर सुनवाई करने के लिए अपनी मंजूरी दी। साथ ही कहा कि प्रशासन सर्वोच्च अदालत के इस संबंध में 2010 में दिए गए निर्देशों का पालन में करने में क्यों असमर्थ रहा है। लिहाजा, खंडपीठ ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी करते हुए याचिका के संबंध में जवाब मांगा है।
किन-किन निर्देशों का हुआ पालन
अपनी याचिका में मणि ने सर्वोच्च अदालत से अपील की है कि वह अदालत के अगस्त 2010 के आदेशों के संबंध में सरकारों की ओर से अब तक उठाए गए कदमों का ब्योरा दें। वह बताएं कि उन्होंने खुले बोरवेलों को बंद और सुरक्षित करने के लिए किन-किन निर्देशों का पालन किया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की विफलताओं के चलते ही नागरिकों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इन खुले बोरवेलों के कारण कई मौतें हो चुकी हैं। सर्वोच्च अदालत के दिशा-निर्देशों के बावजूद ऐसी घटनाएं आए दिन होती रहती हैं। इससे साफ है कि प्रशासन प्रभावी कदम उठाने में विफल रहा है।