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एनआरसी प्रक्रिया बर्बाद करना चाहता है गृह मंत्रालय: सुप्रीम कोर्ट

एनआरसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केन्द्र को फटकार। कोर्ट ने गृह मंत्रालय (एमएचए) से कहा है कि वह एनआरसी मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाना चाहता।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 07:07 PM (IST)
एनआरसी प्रक्रिया बर्बाद करना चाहता है गृह मंत्रालय: सुप्रीम कोर्ट
एनआरसी प्रक्रिया बर्बाद करना चाहता है गृह मंत्रालय: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, पीटीआइ। असम में राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ऐसा लगता है कि गृह मंत्रालय का पूरा प्रयास एनआरसी प्रक्रिया को बर्बाद करना है। शीर्ष कोर्ट ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि एनआरसी के लिए निर्धारित 31 जुलाई की समयसीमा आगे नहीं बढ़ेगी।

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इसके साथ ही, कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह राज्य के कुछ अधिकारियों को चुनाव के काम से अलग कर दे, जिससे एनआरसी प्रक्रिया जारी रखना सुनिश्चित हो सके। गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से एनआरसी के काम को दो हफ्ते के लिए रोकने की गुजारिश की थी। मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ) चुनाव ड्यूटी में रहेंगे। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एनआरसी प्रक्रिया पूरी करने की 31 जुलाई की समयसीमा नहीं बढ़ेगी।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि केंद्र एनआरसी प्रक्रिया को लेकर सहयोग नहीं कर रहा है और ऐसा लगता है कि गृह मंत्रालय की पूरी कोशिश एनआरसी प्रक्रिया को बर्बाद करना है। शीर्ष कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह असम के कुछ अफसरों को चुनाव के काम से मुक्त करने पर विचार करे ताकि एनआरसी प्रक्रिया का जारी रहना सुनिश्चित हो सके। कोर्ट ने इससे पहले 24 जनवरी को कहा था कि असम के लिए एनआरसी प्रक्रिया को पूरी करने की समयसीमा 31 जुलाई 2019 है और यह नहीं बदलेगी।

शीर्ष कोर्ट ने राज्य सरकार, एनआरसी समन्वयक और चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि आगामी चुनाव की वजह से एनआरसी की प्रक्रिया धीमी न हो। असम में एनआरसी का मसौदा 30 जुलाई 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे। पहली सूची में 40,70,707 लोगों का नाम शामिल नहीं था। इनमें से 37,59,630 नामों को खारिज किया जा चुका है और बाकी 2,48,077 नामों को होल्ड पर रखा गया है।


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