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बैंक खाते को फ्रॉड घोषित करने से पहले कर्जदारों की सुनवाई होनी चाहिए: SBI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किए जाने से पहले उधार लेने वाले की सुनवाई करनी चाहिए और यदि इस तरह की कार्रवाई की जाती है तो एक तर्कपूर्ण आदेश का पालन करना चाहिए।

By AgencyEdited By: Achyut KumarPublished: Mon, 27 Mar 2023 11:50 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2023 11:50 AM (IST)
बैंक खाते को फ्रॉड घोषित करने से पहले कर्जदारों की सुनवाई होनी चाहिए: SBI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट
बैंक खाते को फ्रॉड घोषित करने से पहले कर्जदारों की सुनवाई होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि किसी खाते को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किए जाने से पहले कर्ज लेने वाले की सुनवाई की जानी चाहिए और अगर इस तरह की कार्रवाई की जाती है तो एक तर्कपूर्ण आदेश का पालन किया जाना चाहिए।

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तेलंगाना हाईकोर्ट का फैसला बरकरार

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice D Y Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि धोखाधड़ी के रूप में खातों का वर्गीकरण उधारकर्ताओं के लिए नागरिक परिणामों में होता है और इसलिए ऐसे व्यक्तियों को सुनवाई का अवसर जरूर देना चाहिए।

पीठ ने कहा, "बैंकों को धोखाधड़ी पर मास्टर निर्देशों के तहत धोखाधड़ी के रूप में अपने खातों को वर्गीकृत करने से पहले उधार लेने वाले को सुनवाई का अवसर देना चाहिए।" 

एसबीआई की याचिका पर आया फैसला

पीठ ने कहा कि कर्ज लेने वाले के खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने के फैसले का तार्किक तरीके से पालन किया जाना चाहिए। यह फैसला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर आया है।


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