जनप्रतिनिधियों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय करने की मांग वाली अर्जी खारिज
जनप्रतिनिधियों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की मांग वाली एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जनप्रतिनिधियों (सांसदों या विधायकों) की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, 'आप अपनी याचिका पर यह आदेश मांग रहे हैं कि सांसदों और विधायकों के लिए न्यूनतम योग्यता होनी चाहिए। इस पर संसद निर्णय लेगी। हम इस पर फैसला नहीं कर सकते।' याचिका में जनप्रतिनिधियों के लिए वांछनीय योग्यता निर्धारित करने की मांग की गई थी।
इसके अलावा, याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधान का भी उल्लेख किया गया था, जो भ्रष्ट आचरण से संबंधित है। इसमें उम्मीदवारों और उनके एजेंटों जैसे उनके साथ जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भी चुनाव कानून के तहत मुकदमा चलाने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
इस पर पीठ ने कहा, जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत भ्रष्ट आचरण के लिए एक उम्मीदवार को उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। जबकि उनके एजेंटों जैसे उससे जुड़े अन्य लोगों पर आइपीसी के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
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