नई दिल्ली, एजेंसी। Brinda Karat Plea for Hate Speech: जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने 2020 में कथित नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) और परवेश वर्मा (Pravesh Verma) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका को जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच को भेजा है। CPI (M) नेता बृंदा करात (Brinda Karat) और केएम तिवारी (KM Tiwari) की ओर याचिका दायर की गई है। बेंच ने कहा कि इस याचिका पर वही बेंच सुनवाई करे जिसके समक्ष इसी तरह के मामले लंबित हैं।
जस्टिस केएम जोसेफ की अगुवाई वाली पीठ कर रही है सुनवाई
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से पूछा कि क्या इसी तरह के मुद्दों पर शीर्ष अदालत के समक्ष पहले से ही कोई मामला लंबित है। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि जस्टिस केएम जोसेफ (KM Joseph) की अगुवाई वाली पीठ हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने कहा कि ये बेहतर होगा कि मामला उसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के 13 जून, 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली करात की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट ने इन दोनों नेताओं के ऊपर कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि कानून के तहत मौजूदा तथ्यों में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अपेक्षित मंजूरी लेनी जरूरी है।
'कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता'
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने मामले में प्रारंभिक जांच की थी और ट्रायल कोर्ट को सूचित किया था कि प्रथम दृष्टया कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है और किसी भी जांच के आदेश के लिए ट्रायल कोर्ट को तथ्यों और सबूतों का संज्ञान लेने की आवश्यकता होती है। याचिकाकर्ताओं की शिकायत थी कि रिठाला रैली में, ठाकुर ने 27 जनवरी, 2020 को कथित तौर पर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर भड़कने के बाद भीड़ को भड़काऊ नारा लगाने के लिए उकसाया था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका
13 जून 2022 को CPI (M) नेता बृंदा करात ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। जहां से अब ये मामला जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच को भेज दिया गया है। याचिका में वृंदा करात और केएम तिवारी ने मांग की है कि दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए, 153-बी, 295-ए के तहत एफआईआर दर्ज की जाए।
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