राजनीति का अपराधीकरण मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
पिछले साल सितंबर में संविधान पीठ ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह गंभीर अपराध में शामिल लोगों के चुनाव लड़ने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कानून बनाए।
नई दिल्ली, जेएनएन। राजनीति का अपराधीकरण रोकने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसला सुनाने वाला है। याचिकाकर्ता अश्वनी उपाध्याय ने मांग की है कि राजनैतिक दलों को अपराधिक लोगों को चुनाव के टिकट देने से रोका जाए। इसके साथ ही उम्मदीवारों का अपराधिक रिकार्ड प्रकाशित कराने का आदेश लागू किया जाए।
बता दें कि साल 2018 के सितंबर माह में 5 जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह गंभीर अपराध में शामिल लोगों के चुनाव लड़ने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कानून बनाए।
वहीं, इसके बाद भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि राजनीति का अपराधीकरण रोकने के लिए कोर्ट के आदेश के बावजूद पिछले छह महीने में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया। वकील अश्विनी की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव और विधि सचिव से जवाब मांगा था।
गौरतलब है कि उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड और संपत्ति आदि का ब्योरा मीडिया में प्रकाशित प्रचारित करने के आदेश पर अमल न होने का मुद्दा उठाने वाली दूसरी अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। कोर्ट ने उपाध्याय की अवमानना याचिका में उठाए गए मामले को गंभीर बताते हुए तीन चुनाव उपायुक्तों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा था।