जम्मू-कश्मीर में 4G सेवा बहाली से SC का इनकार, समिति के गठन का आदेश
जम्मू-कश्मीर में 4 जी सेवा बहाली मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए एक समिति के गठन करने का आदेश दिया।
नई दिल्ली, (माला दीक्षित) । जम्मू-कश्मीर में 4 जी सेवा बहाली मामले से सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इनकार करते हुए विभिन्न याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए विवादों पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार समिति के गठन का भी आदेश दिया। इस समिति का नेतृत्व गृह मंत्रालय के सचिव करेंगे। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी व ह्यूमन राइट्स के बीच संतुलन कोर्ट द्वारा सुनिश्चित करना होगा।
कोर्ट द्वारा गठित किए गए समिति में राज्य प्रशासन के मुख्य सचिव व कम्युनिकेशंस सचिव भी होंगे। यह पैनल याचिकाकर्ताओं की मांगों को देखेगा। मामले की सुनवाई करने वाले बेंच में जस्टिस एन वी रमना, सुभाष रेड्डी और बीआर गवई ने इन याचिकाओं पर फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
कोर्ट में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में 4G इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की गई। इन याचिकाओं में दावा किया गया था कि मौजूदा हालात में यहां के लिए 2G सेवाएं पर्याप्त नहीं हैं। इन सेवाओं से यहां की शिक्षा व्यवस्था व अन्य सर्विसेज के संचालन में बाधा आ रही है। 30 अप्रैल को प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि इंटरनेट एक्सेस मौलिक अधिकारों में शामिल नहीं है इसलिए सरकार इंटरनेट के माध्यम से होने वाली बातचीत पर रोक लगा सकती है।
बता दें कि यहां की मीडिया व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भी 4G इंटरनेट सुविधा की मांग की जा रही है। इनका कहना है कि पर्याप्त इंटरनेट सर्विस न हो पाने के कारण यहां के डॉक्टर चिकित्सा के लिए अपनाए जा रहे नवीनतम संसाधनों से वंचित रह जाते हैं।
27 अप्रैल को जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, यहां आगामी 11 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जम्मू कश्मीर में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 861 है। वहीं 383 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 9 लोगों की मौत हो गई।