सुप्रीम कोर्ट ने दिया असम के हिरासत केंद्रों में दो साल तक के बंदियों की रिहाई के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन बंदियों को रिहा करने के आदेश जारी किए जिन्हें विदेशी घोषित किया जा चुका है और जो दो साल या उससे ज्यादा समय से हिरासत केंद्रों में बंद हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन बंदियों को रिहा करने का आदेश जारी किया जिनको विदेशी घोषित किया जा चुका है और जो दो साल या उससे अधिक समय से असम के हिरासत केंद्रों में बंद हैं। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अपनी पहले की स्थितियों में ढील देते हुए अदालत ने यह आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एलएन राव और एम शांतनगौदर की पीठ ने शीर्ष अदालत के 10 मई, 2019 के आदेश का हवाला देते हुए व्यक्तिगत बांड राशि को एक लाख रुपये से घटाकर पांच हजार कर दिया। इसके अलावा हिरासत की न्यूनतम अवधि को तीन साल से घटाकर दो साल कर दिया।
पहले के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे बंदियों की रिहाई के लिए कुछ शर्ते लगाई थीं, जिसके तहत उन्हें तीन साल से ज्यादा हिरासत में रहना था और दो जमानती के साथ एक लाख रुपये का बांड प्रस्तुत करने पर रिहा किया जाना था।
सोमवार का फैसला असम के एक ट्रस्ट के आवेदन पर आया, जिसमें कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर राज्य के छह हिरासत केंद्रों में रहने वाले बंदियों की रिहाई की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बंदियों की रिहाई पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अपने गांव या जहां कहीं वे जाएंगे, लोगों को संक्रमित करेंगे। आवेदक की ओर से पेश अधिवक्ता शोएब आलम ने कहा कि अटॉर्नी जनरल की आशंका निराधार है। इसमें पहले से यह मान लिया गया है कि इस तरह का हर व्यक्ति पहले से वायरस से संक्रमित है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले चौबीस घंटे में 796 नए केस मिलने की जानकारी दी है, जिनको मिलाकर संक्रमितों की संख्या 9,352 हो गई है, जबकि 324 लोगों की अब तक जान गई है और 980 लोग स्वस्थ भी हुए हैं। राज्यों से मिली सूचनाओं के आधार पर सोमवार को महाराष्ट्र में 12, मध्य प्रदेश में पांच, दिल्ली में चार, गुजरात और उत्तर प्रदेश में दो-दो और कर्नाटक में एक व्यक्ति की मौत हो गई और इसके साथ ही मृतकों की संख्या 349 पर पहुंच गई है। राजधानी दिल्ली में संक्रमितों की संख्या में अचानक से उछाल आया है। यहां कुल संक्रमितों की संख्या 1,510 हो गई है, जिनमें 1,071 जमाती हैं।