दस करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति देने के बाद भारत में बंद हुआ इतालवी नौसैनिकों पर दो मछुआरों की हत्या का मुकदमा
भारत की सुप्रीम कोर्ट ने इतालवी नौसेनिकों पर चल रहा दो मछुआरों की हत्या का मुकदमा बंद करने का आदेश दिया है। इटली ने इस मामले में दस करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति जमा की है जिसके बाद ये फैसला सामने आया है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। केरल के दो मछुआरों की हत्या से जुड़े मामले का आखिर मंगलवार को पटाक्षेप हो गया। शीर्ष कोर्ट ने मामले में आरोपित दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ भारत में चल रहे आपराधिक मामले को बंद करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने इस मामले में दो इतावली नौसैनिकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और कार्यवाही रद कर दी। पीठ ने कहा कि भारत द्वारा स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता समझौता (इंटरनेशनल आíबटल अवार्ड) के अनुरूप केरल के दो मछुआरों की हत्या के मामले की आगे की जांच इटली में की जाएगी। सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि तथ्यों को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि भारत इस मुकदमे की कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाएगा और नौसैनिकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा इटली में चलेगा।
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इटली गणराज्य की ओर से दस करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दी गई है जो उचित और पर्याप्त है। यह राशि कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा है। कोर्ट ने कहा कि इस राशि में से केरल के दोनों मछुआरों के वारिसों को चार-चार करोड़ रुपये तथा बाकी के दो करोड़ रुपये नौका मालिक को दिए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट रजिस्ट्री में जमा राशि केरल हाई कोर्ट को ट्रांसफर की जाएगी और हाई कोर्ट मृतक मछुआरों के परिजनों के नाम पर चार-चार करोड़ रुपये की राशि को फिक्स डिपाजिट करेगा। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि परिजन उस फिक्स डिपाजिट से ब्याज की राशि निकाल सकेंगे।
बता दें कि फरवरी 2012 में भारत ने आरोप लगाया था कि इटली के ध्वज वाले तेल टैंकर एमवी एनरिका लैक्सी पर सवार दो नौसैनिकों ने भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में मछली पकड़ रहे दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। काफी दिन तक चली अदालती कार्यवाही के बाद 11 जून को इस मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि वह मुआवजे के वितरण और मामले को बंद करने को लेकर फैसला 15 जून को सुनाएगा।
..