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सुप्रीम कोर्ट से आरटीआइ एक्ट की धारा-चार का पालन सुनिश्चित कराने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विभागों (पब्लिक अथारिटीज) को उनके कामकाज से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी खुद सार्वजनिक करने के प्रविधान वाली सूचना के अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम की धारा-चार के प्रविधान प्रभावी रूप से लागू करने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 09:25 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 09:45 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट से आरटीआइ एक्ट की धारा-चार का पालन सुनिश्चित कराने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट से आरटीआइ एक्ट की धारा-चार का पालन सुनिश्चित कराने की मांग की गई है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विभागों (पब्लिक अथारिटीज) को उनके कामकाज से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी खुद सार्वजनिक करने के प्रविधान वाली सूचना के अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम की धारा-चार के प्रविधान प्रभावी रूप से लागू करने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंद्रेश की पीठ ने यह नोटिस किशन चंद्र जैन की याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया।

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कानून की धारा-चार(1)(बी) में बताया गया है कि पब्लिक अथारिटीज कौन सी सूचना स्वयं देंगी। धारा-चार(2) और चार(3) में बताया गया है कि किस तरह सूचना दी जाएगी। याचिका में कहा गया है कि धारा-चार के प्रविधान इस कानून का आत्मा है। याचिका में केंद्रीय सूचना आयोग की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है जिसमें धारा-चार के प्रविधानों के अनुपालन की खराब स्थिति परिलक्षित होती है।

यह भी कहा गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने एक परिपत्र जारी किया है जिसमें थर्ड पार्टी आडिट कराए जाने की बात कही गई है, लेकिन इसका अनुपालन भी बहुत कम हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट शुरुआत में याचिका पर विचार करने का इच्छुक नहीं था। कोर्ट का कहना था कि जब पहले से ही कानूनी प्रविधान हैं तो कोर्ट इसमें क्या आदेश देगा। लेकिन जब याचिकाकर्ता ने कहा कि आरटीआइ के प्रविधान प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग वाली याचिका पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तब कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए इस याचिका को भी पहले से लंबित याचिका के साथ सुनवाई के लिए संलग्न करने का आदेश दिया।


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