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Supreme Court: राजनयिक मदद के लिए निखिल गुप्ता के परिवार की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, चार जनवरी तक सुनवाई हुई स्थगित

खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में चेक गणराज्य में गिरफ्तार निखिल गुप्ता के परिवार की ओर दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार को चार जनवरी 2024 के लिए स्थगित कर दी। याचिका में उचित राजनयिक मदद के लिए सरकार को निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyPublished: Sat, 16 Dec 2023 06:09 AM (IST)Updated: Sat, 16 Dec 2023 06:09 AM (IST)
विदेश मंत्रालय के लिए यह बेहद संवेदनशील मामला है।

नई दिल्ली, एएनआइ। खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में चेक गणराज्य में गिरफ्तार निखिल गुप्ता के परिवार की ओर दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार को चार जनवरी, 2024 के लिए स्थगित कर दी। याचिका में उचित राजनयिक मदद के लिए सरकार को निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।

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निखिल पर साजिश का आरोप अमेरिका ने लगाया है और वर्तमान में उन्हें चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया चल रही है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि निखिल को राहत के लिए चेक गणराज्य की संबंधित अदालत में जाना चाहिए।

जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘हम यहां कोई निर्णय सुनाने नहीं जा रहे। हिरासत में लिए गए व्यक्ति ने हलफनामा नहीं दिया है। अगर किसी कानून का उल्लंघन हुआ है तो आपको वहां की अदालत में जाना होगा।’ याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम ने कहा कि वह अभी बंदी प्रत्यक्षीकरण की मांग पर जोर नहीं दे रहे हैं।

बल्कि सिर्फ उचित राजनयिक सहायता और चेक गणराज्य में भारतीय राजदूत को यह निर्देश देने की मांग कर रहे हैं कि वह मामले की स्थिति का पता लगाएं क्योंकि उनके मुवक्किल को कुछ भी नहीं बताया जा रहा है। जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय के लिए यह बेहद संवेदनशील मामला है। 

इस पर फैसला उन्हें करना है।’ जस्टिस खन्ना ने कहा, पीठ के पास केस फाइल पढ़ने का समय नहीं था क्योंकि यह देर से प्राप्त हुई थी और सुनवाई स्थगित कर दी। सुंदरम ने सुनवाई की अगली तिथि पर कक्ष में सुनवाई का अनुरोध किया। जस्टिस खन्ना ने कहा कि अनुरोध पर अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा। पीठ ने केस फाइल की प्रति अटार्नी जनरल आर.वेंकटरमणी को देने का आदेश भी दिया।

याचिका के मुताबिक, निखिल गुप्ता बिजनेस ट्रिप पर चेक गणराज्य में थे, जब 30 जून को उन्हें प्राग एयरपोर्ट पर गैरकानूनी रूप से हिरासत में ले लिया गया था। याचिका के मुताबिक, उनकी गिरफ्तारी में अनियमिताएं बरती गईं और कोई भी औपचारिक गिरफ्तारी वारंट प्रस्तुत नहीं किया गया। गिरफ्तारी भी चेक अधिकारियों के बजाय स्वयंभू अमेरिकी एजेंटों ने की।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह निर्देश देने की मांग भी की गई है कि भारत सरकार चेक गणराज्य की प्रत्यर्पण अदालत में लंबित प्रत्यर्पण प्रक्रिया में हस्तक्षेप करे ताकि निखिल गुप्ता के लिए निष्पक्ष एवं पारदर्शी मुकदमा सुनिश्चित किया जा सके। याचिका में आरोप लगाया गया कि निखिल को काउंसलर एक्सेस व भारत में अपने परिवार से संपर्क करने का अधिकार नहीं दिया गया और न ही कानूनी प्रतिनिधि लेने की आजादी दी गई। 


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