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Hijab Case: कर्नाटक हिजाब बैन मामले में इस हफ्ते फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इस सप्ताह अपना फैसला सुना सकता है क्यों याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता 16 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे।

By Achyut KumarEdited By: Published: Mon, 10 Oct 2022 01:06 PM (IST)Updated: Mon, 10 Oct 2022 01:06 PM (IST)
Hijab Case: कर्नाटक हिजाब बैन मामले में इस हफ्ते फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक हिजाब बैन मामले में इस हफ्ते फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआई। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता के इस सप्ताह सेवानिवृत्त होने से पहले शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है।

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16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होंगे न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता

जस्टिस गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने 10 दिनों तक मामले में दलीलें सुनने के बाद 22 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन याचिकाओं पर फैसला इस सप्ताह सुनाए जाने की उम्मीद है क्योंकि पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति गुप्ता 16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

'लड़कियों की शिक्षा खतरे में पड़ जाएगी'

शीर्ष अदालत में दलीलों के दौरान, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कई वकीलों ने जोर देकर कहा था कि मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने से रोकने से उनकी शिक्षा खतरे में पड़ जाएगी क्योंकि वे कक्षाओं में भाग लेना बंद कर सकती हैं।

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याचिकाकर्ताओं के वकील ने राज्य सरकार के 5 फरवरी, 2022 के आदेश सहित विभिन्न पहलुओं पर तर्क दिया था, जिसमें स्कूलों और कालेजों में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कुछ अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया था कि मामले को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजा जाए।

'धर्म तटस्थ' था सरकार का आदेश

दूसरी ओर, राज्य की ओर से पेश हुए वकील ने तर्क दिया था कि कर्नाटक सरकार का आदेश जिसने हिजाब को लेकर विवाद खड़ा कर दिया, वह 'धर्म तटस्थ' था। इस बात पर जोर देते हुए कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के समर्थन में आंदोलन कुछ व्यक्तियों द्वारा 'सहज कार्य' नहीं था, राज्य के वकील ने शीर्ष अदालत में तर्क दिया था कि सरकार 'संवैधानिक कर्तव्य की अवहेलना का दोषी' होती, यदि उसने उस तरह से कार्य नहीं किया होता, जैसा उसने किया।

हाईकोर्ट ने याचिकाओं को किया खारिज

15 मार्च को, हाईकोर्ट ने कर्नाटक के उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज के मुस्लिम छात्रों के एक वर्ग द्वारा कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था, यह फैसला करते हुए कि यह इस्लामी आस्था में आवश्यक धार्मिक अभ्यास का हिस्सा नहीं है।

राज्य सरकार के 5 फरवरी, 2022 के आदेश को कुछ मुस्लिम लड़कियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।

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