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कोरोना से जंग के लिए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमना ने दिए तीन लाख रुपये

रमना ने लोगों से अनुरोध किया है कि इस महामारी को रोकने के लिए और सुरक्षित रहने के लिए वे सरकार के आदेशों का पालन करें और आपस में दूरी बनाए रखें।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 08:54 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 08:54 PM (IST)
कोरोना से जंग के लिए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमना ने दिए तीन लाख रुपये
कोरोना से जंग के लिए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमना ने दिए तीन लाख रुपये

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना से जंग के लिए सुप्रीम कोर्ट के दूसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश एनवी रमना ने तीन लाख रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिये हैं। जस्टिस रमना ने शनिवार को एक-एक लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष और आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री राहत कोष व तेलंगाना मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिये। जस्टिस रमना ने कुल तीन लाख रुपये कोरोना महामारी से जंग लड़ने के लिए दान दिये हैं।

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जस्टिस रमना ने कहा- महामारी को रोकने के लिए लोग आपस में दूरी बनाए रखें

जस्टिस रमना ने लोगों से अनुरोध किया है कि इस महामारी को रोकने के लिए और सुरक्षित रहने के लिए वे सरकार के आदेशों का पालन करें और आपस में दूरी बनाए रखें।

जस्टिस रमना ने पीएम राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया दान 

जस्टिस रमना ने तेलंगाना और आंध्रप्रदेश मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की एक-एक लाख रुपये के चेक संबंधित अधिकारियों को सौंपे। इसके अलावा जस्टिस रमना ने प्रधानमंत्री राहत कोष मे भी एक लाख रुपये दान दिये हैं। जस्टिस रमना सुप्रीम कोर्ट के पहले न्यायाधीश है जिन्होंने कोरोना से जंग के लिए दान दिया है। हालांकि मद्रास हाईकोर्ट के एक और न्यायाधीश पहले ही अपना एक माह का वेतन दान कर चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ में लंबित हैं 551 मामले

वैसे तो देश की सर्वोच्च अदालत हमेशा, रात दिन नागरिकों के अधिकारों के लिए तत्पर और जाग्रत रहती है। आपात स्थिति आने पर कोर्ट रात दिन या छुट्टी नहीं देखता और अधिकारों की रक्षा के लिए सुनवाई की जाती है। लेकिन कानून के महत्वपूर्ण उलझे विवादों को सुलझाना उनका हल निकालना और कानून की व्याख्या करना भी सुप्रीम कोर्ट के कार्यो का अहम हिस्सा। सुप्रीम कोर्ट में इस वक्त कुल 551 मुकदमें संविधान पीठ में सुनवाई के इंतजार में लटके हैं जिसमें 52 मुख्य मामले और 499 उसके साथ जुड़े मामले हैं। इसमें बहुत से मामले तो दसियों साल पुराने हैं।


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