अयोध्या मामले में सुनवाई से हटे सुप्रीम कोर्ट के जज
अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस के एक मामले में सुनवाई से जस्टिस वी. गोपाल गौड़ा ने गुरुवार को खुद को अलग कर लिया है। यह मामला लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती के अलावा भाजपा और विहिप के अन्य नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा हटाए जाने को
नई दिल्ली। अयोध्या के विवादित ढांचा गिराए जाने के एक मामले में सुनवाई से जस्टिस वी. गोपाल गौड़ा ने गुरुवार को खुद को अलग कर लिया है। यह मामला लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती के अलावा भाजपा और विहिप के अन्य नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा हटाए जाने को चुनौती देने का है।
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जस्टिस गौड़ा की अगुआई वाली पीठ ही इस मामले में दायर अपीलों की सुनवाई कर रही है। पीठ में उनके अलावा जस्टिस अरुण मिश्रा शामिल हैं। जस्टिस गौड़ा ने फैसले की वजह का खुलासा नहीं किया है। अब यह मामला मुख्य न्यायाधीश के पास जाएगा। वह मामले की सुनवाई के लिए नई पीठ का गठन करेंगे। ये अपीलें हाजी महबूब अहमद और सीबीआइ की ओर से दायर की गई हैं।
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इनमें भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने 20 मई 2010 को अपने आदेश में विशेष अदालत के फैसले को कायम रखते हुए आपराधिक साजिश की धारा को हटा दिया था।
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पिछले साल सितंबर में सीबीआइ ने हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा हटाने से एजेंसी का कोई लेनादेना नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अहमद की अर्जी पर आडवाणी, जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती के अलावा 16 अन्य से जवाब मांगा था। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह से भी जवाब मांगा गया था। अभियुक्तों में तत्कालीन शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे और विहिप नेता गिरिराज किशोर भी थे। लेकिन अब उनका निधन हो चुका है।