सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई पर अंतरिम रोक, मई के पहले हफ्ते में होगी सुनवाई
याचिका में बताया गया है कि उन पर आरोप है कि लोकसभा के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान 2 मई 2014 को एक जनसभा में भाषण को दौरान उन्होंने कुछ वाक्य ऐसे बोले जो जनप्रतिनिधि कानून की धारा 125 के तहत अपराध हैं।
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उत्तर प्रदेश में 2014 के संसदीय चुनावों के प्रचार अभियान में भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के मामले में कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना ने इस मामले में किसी के भी हाजिर नहीं होने के बाद इस मामले को मई के पहले हफ्ते में सुनवाई के लिए निर्धारित कर दिया।
सीएम केजरीवाल की अपील
खंडपीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश जारी रहेगा। केजरीवाल के लिए वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी पेश हुए जबकि आम आदमी पार्टी के संयोजक ने सुप्रीम कोर्ट अपील दायर अधिवक्ता विवेक जैन से कराई थी। केजरीवाल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। पिछले महीने लखनऊ बेंच ने केजरीवाल के खिलाफ सुलतानपुर की सुनवाई अदालत में दर्ज आपराधिक मामले को खारिज करने से इन्कार कर दिया था।
वैमनस्य फैलाने का आरोप
इस मामले में दर्ज एफआइआर में केजरीवाल के खिलाफ जनप्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 125 के तहत चुनाव के दौरान विभिन्न वर्गों में वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने सुलतानपुर की एक जनसभा में भाषण के दौरान कहा, 'जो कांग्रेस को वोट देगा, मेरा मानना होगा देश के साथ गद्दारी होगी..जो भाजपा को वोट देगा उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा।'
क्या कहा गया है याचिका में
याचिका में बताया गया है कि उन पर आरोप है कि लोकसभा के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान 2 मई, 2014 को एक जनसभा में भाषण को दौरान उन्होंने कुछ वाक्य ऐसे बोले जो जनप्रतिनिधि कानून की धारा 125 के तहत अपराध हैं। इस भाषण के दो दिन बाद 4 मई, 2014 को इस मामले में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। याचिका में केजरीवाल ने कहा कि इस याचिका को लेकर कानून पर कुछ सवाल खड़े हुए हैं। यह मामला बिना भाषण की वीडियो क्लिप या पूरे लिखित भाषण के बगैर धारा 125 के तहत दर्ज नहीं हो सकता है। साथ ही पुलिस ने बिना किसी स्वतंत्र जांच के मामला दर्ज किया है।