भोपाल गैस कांड संबंधी मामले पर अप्रैल में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट भोपाल गैस कांड से संबंधित एक मामले में केंद्र सरकार की याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट भोपाल गैस कांड से संबंधित एक मामले में केंद्र सरकार की याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। सरकार ने 1984 के गैस पीडि़तों को अधिक मुआवजा दिलाने के लिए अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन, अब डॉव केमिकल्स, से अतिरिक्त 7,844 करोड़ रुपये की मांग की है।
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वह केंद्र की सुधारात्मक याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करेगी। कंपनी ने पहले पीडि़तों के लिए मुआवजा के तौर पर 715 करोड़ रुपये दिए थे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मुआवजे के लिए अतिरिक्त धन के लिए कंपनियों को निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
वर्ष 1984 में दो और तीन दिसंबर की रात को कंपनी के भोपाल प्लांट से मिथाइल आइसोसाइनेट (मिक) गैस का रिसाव हुआ था। इसमें तीन हजार लोगों की मौत हुई थी और एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे।
पीडि़त उचित मुआवजा और बेहतर इलाज के लिए वर्षो से लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार ने कंपनी से अधिक मुआवजे के लिए 2010 में सुधारात्मक याचिका दायर की थी। पीडि़त भी सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को अपने हस्ताक्षर के साथ याचिका भेजने की तैयारी में थे। मध्य प्रदेश के भोपाल गैस कांड राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास नारंग ने भी कहा था कि पीडि़तों को उचित मुआवजा नहीं मिला है।
जून, 2010 में भोपाल की एक अदालत ने यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के सात अधिकारियों को दो-दो साल कैद की सुनाई थी। इस मामले में यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन का चेयरमैन वारेन एंडरसन मुख्य आरोपी था, लेकिन वह कभी पकड़ा नहीं जा सका। फरवरी, 1992 में भोपाल की सीजेएम कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया था। अदालत से उसके खिलाफ दो बार गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। सितंबर, 2014 में उसकी मौत हो गई थी।