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सुप्रीम कोर्ट ने CBI और एम नागेश्वर राव के खिलाफ जारी किया नोटिस, जानें क्या है कारण

डीएसपी एके बस्सी की उन्हें पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर करने के केंद्र के आदेश को लेकर दायर की गई याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने CBI और एम नागेश्वर राव के खिलाफ नोटिस जारी किया है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 11:49 AM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 11:52 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने CBI और एम नागेश्वर राव के खिलाफ जारी किया नोटिस, जानें क्या है कारण
सुप्रीम कोर्ट ने CBI और एम नागेश्वर राव के खिलाफ जारी किया नोटिस, जानें क्या है कारण

एएनआइ,जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ और अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को नोटिस जारी किया है।कोर्ट ने यह फैसला डीएसपी एके बस्सी की याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया। बता दें कि बस्सी ने यह याचिका उन्हें पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर करने के केंद्र के आदेश के खिलाफ दायर की है। कोर्ट ने उन्हें छह हफ्ते में नोटिस का जवाब देने को कहा है।     

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सुप्रीम कोर्ट ने बस्सी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। याचिका में एके बस्सी ने दावा किया है कि उनका तबादला राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच प्रभावित करने के लिए किया गया। पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज प्राथमिकी की जांच करने वाले बस्सी ने आरोप लगाया है कि वह जांच एजेंसी के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव के शोषण का शिकार हुए।

इसके अलावा बस्सी ने याचिका में दावा किया था कि नागेश्वर राव नहीं चाहते कि राकेश अस्थाना की प्राथमिकी के मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच हो। उन्होंने इस याचिका में कहा था कि नागेश्वर राव ने ही 24 अक्टूबर, 2018 को उनका तबादला पोर्ट ब्लेयर किया था। बस्सी ने अपनी याचिका में जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के 11 जनवरी के ट्रांसफर नोटिस को चुनौती देते हुए कहा है कि इससे जांच एजेंसी के पूर्व निदेशक आलोक कुमार वर्मा के मामले में न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन होता है।

बता दें कि शीर्ष अदालत के 8 जनवरी के फैसले के बाद आलोक वर्मा को जांच एजेंसी के निदेशक पद पर बहाल कर दिया गया था। हालांकि, दो दिन बाद ही उन्हें उच्चस्तरीय समिति ने भ्रष्टाचार और जिम्मेदारियों के निर्वहन में लापरवाही की वजह से पद से हटा दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में वर्मा को अवकाश पर भेजने के बाद बस्सी सहित तबादला किए गए सभी अधिकारियों को इस मामले को लेकर संपर्क करने को कहा था। बस्सी के अनुसार, वर्मा की बहाली के बाद 9 जनवरी को उन्होंने जांच एजेंसी के निदेशक को एक प्रतिवेदन दिया, जिसके बाद उनका वापस दिल्ली तबादला कर दिया गया था।


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