Move to Jagran APP

तीन तलाक पर कानून वैधता से पहले बहस चाहता है सुप्रीम कोर्ट

तीन तलाक के मसले पर कानूनी वैधता से पहले सुप्रीम कोर्ट इस बारे में देश भर में विस्तृत बहस चाहता है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 09:06 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 09:22 AM (IST)

नई दिल्ली। तीन तलाक के मसले पर आगे किसी तरह की कार्रवायी से पहले सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि इस बारे में देशभर में बहस छिड़े। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक की संवैधानिक वैधता से पहले वह देश भर में इसको लेकर बहस को प्राथमिकता देना चाहते हैं क्योंकि मुस्लिम पुरूषों की तरफ से दिए जा रहे मनमाने ढ़ंग से तलाक की कई शिकायतें मिल चुकी हैं।

loksabha election banner

ये भी पढ़ें- तीन तलाक मामले में महिला आयोग शायरा बानो के साथ

जुलाई 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो भी फतवा मुफ्ती की तरफ से जारी किया जाता है उसकी कोई कानूनी स्वीकृति नहीं होती है और किसी को जबरदस्ती उसे मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रावधानों की सांवैधानिक वैधता के अधिकारों पर सुनवाई से इनकार कर दिया था।

ये भी पढ़ें- तीन बार तलाक को SC में चुनौती, की महिलाओं को अधिकार देने की मांग

पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन तलाक का मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों पर पड़नेवाले असर के बारे में पूछा था। उसके बाद तीन तलाक की पीड़ित एक महिला शायरा बानो समेत कई मुस्लिम महिला संगठनों ने इसके खिलाफ सामने आकर ऐसी मान्यता की कड़ी आलोचना की थी। हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआएमपीएलबी) ने तीन तलाक पर अपना बचाव किया। बोर्ड ने कहा कि तीन तलाक की मान्यता पर फैसला सुप्रीम कोर्ट के दायरे में नहीं आता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.