सुप्रीम कोर्ट ने जताई उम्मीद, 2041 में अधर में नहीं रह सकता 'दिल्ली का मास्टर प्लान'; अधिसूचना अगले साल होगी जारी
पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा कि भले ही दी गई तारीखें संभावित हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इन तारीखों का सख्ती से पालन किया जाएगा क्योंकि यह मामला अनंत काल तक अधर में नहीं रह सकता है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अगले 20 सालों के दिल्ली के मास्टर प्लान (Master Plan for Delhi, MPD) 2041 की अधिसूचना अधर में नहीं रह सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि फाइनल मास्टर प्लान अगले साल 30 अप्रैल को या उससे पहले जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की पीठ ने एडिशिनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी द्वारा एमपीडी -2041 की अंतिम मंजूरी और अधिसूचना के लिए कट-ऑफ तारीखें दिए जाने के बाद यह बयान दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई से मिले इनपुट के अनुसार एडिशिनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने कहा कि MPD-2041 को दिसंबर 2022 के पहले सप्ताह में प्राधिकरण के सामने रखा जाएगा और दस्तावेज में कोई भी संशोधन दिसंबर 2022 के अंतिम सप्ताह तक किया जाएगा। एएसजी भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 15 जनवरी 2023 तक एमपीडी-2041 की अंतिम मंजूरी और अधिसूचना के लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को पत्र भेजा जाएगा।
अंतिम मास्टर प्लान 30 अप्रैल, 2023 को या उससे पहले होगा जारी
पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा कि भले ही दी गई तारीखें संभावित हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इन तारीखों का सख्ती से पालन किया जाएगा, क्योंकि यह मामला अनंत काल तक अधर में नहीं रह सकता है। हमें यकीन है कि अंतिम मास्टर प्लान 30 अप्रैल, 2023 को या उससे पहले जारी किया जाएगा।
पीठ ने कहा कि 24 अगस्त को सुनवाई की पिछली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए और एएसजी के वकील को संबंधित विभाग से आवश्यक निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया था कि मास्टर प्लान को कितने समय में अधिसूचित किया जाएगा।
गौरतलब है कि मास्टर प्लान 2041 के मौजूदा ड्राफ्ट को तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीए की बोर्ड बैठक में मंजूरी दी गई थी। 9 जून 2021 को इसका ड्राफ्ट जारी कर लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे। 75 दिनों के अंतराल पर डीडीए को इस ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर 33 हजार से अधिक आपत्तियां और सुझाव मिले थे।