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जेल की नियमों में बदलाव के निर्देश, SC ने कहा- कैदियों के अधिकारों का रखा जाए ध्यान

शीर्ष न्यायालय ने गुरुवार को सभी राज्य सरकारों को जेल के नियमों में बदलाव करने का निर्देश जारी किया है। SC ने कहा, कैदियों के अधिकारों का रखा जाए ध्यान।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 12:27 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 12:34 PM (IST)
जेल की नियमों में बदलाव के निर्देश, SC ने कहा- कैदियों के अधिकारों का रखा जाए ध्यान
जेल की नियमों में बदलाव के निर्देश, SC ने कहा- कैदियों के अधिकारों का रखा जाए ध्यान

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर जेलों में बंद कैदियों के हालात पर सख्त टिप्पणी की है। शीर्ष न्यायालय ने गुरुवार को सभी राज्य सरकारों को जेल के नियमों में बदलाव करने का निर्देश जारी किया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों में कैदियों के अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि फांसी की सजा पाए कैदियों को मनोचिकित्सकों से मिलने दिया जाना चाहिए।

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कैदियों को इंसान माना जाता है या नहीं? 
बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट जेल में बंद कैदियों के हालात पर नाराजगी जाहिर कर चुका है। तब कोर्ट ने सवाल किया था कि अधिकारियों की नजरों में कैदियों को इंसान माना जाता है या नहीं? कोर्ट ने यह भी सवाल किया था कि क्या कैदियों के कोई अधिकार हैं? न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर ने जेल प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जेलों में एक समांतर प्रणाली चल रही है? क्या जेलों में विशेष अधिकार हैं?

जेलों की दुर्दशा पर चर्चा के दौरान नवंबर में हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि जेलों में कैदियों की रहने के लिए ठीक से व्यवस्था नहीं है। सालों से जेलों के भीतर रंगाई और पुताई नहीं कराई गई है। यहां तक की जेलों में टॉयलेट और सीवेज साफ नहीं कराए जाते हैं। जेलों में बंद महिला कैदियों के बच्चों के रहने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

माल्या ने भी उठाया था जेल व्यवस्था पर सवाल 
बता दें कि सरकारी बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर लंदन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या ने भी  भारत की जेलों की व्यवस्था पर सवाल उठाया था। माल्या ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कोर्ट में तर्क दिया था कि भारतीय जेलों में उचित हवा और प्रकाश की सुविधा नहीं है। जिसके बाद जज के कहने पर भारतीय अफसरों ने आर्थर रोड जेल के बैरेक 12 का वीडियो कोर्ट को उपलब्ध कराया था। गौरतलब है कि विजय माल्या के लिए मुंबई के आर्थर रोड जेल में उच्च सुरक्षित बैरक तैयार रखी गई है। जेल के एक अधिकारी ने कहा कि अगर माल्या को भारत लाया जाता है तो उसे जेल परिसर के अंदर दो-मंजिला इमारत में स्थित एक उच्च सुरक्षा वाली बैरक में रखा जाएगा। जेल के इसी हिस्से में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब को रखा गया था।


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