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सोनिया गांधी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टली

सुप्रीमकोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को याचिका पर सुनवाई टालते हुए कहा कि इस याचिका में उठाए गए बिंदु से संबंधित मुद्दे पर सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ विचार कर रही है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 27 Oct 2016 07:24 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 07:32 PM (IST)
सोनिया गांधी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टली

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रायबरेली चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई फिलहाल टल गई है। सुप्रीमकोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को याचिका पर सुनवाई टालते हुए कहा कि इस याचिका में उठाए गए बिंदु से संबंधित मुद्दे पर सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ विचार कर रही है। ऐसे में संविधान पीठ का फैसला आ जाने के बाद ही इस याचिका पर सुनवाई करना ठीक रहेगा।

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सोनिया गांधी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका में सोनिया की नागरिकता के अलावा इमाम अहमद बुखारी के कांग्रेस हक में वोट की अपील को आधार बनाया गया है। कहा गया है कि अहमद बुखारी का कांग्रेस के लिए वोट की अपील करना जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123(3) में चुनाव का भ्रष्ट तरीका अपनाना माना जाएगा। उधर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ आजकल धर्म के नाम पर वोट मांगने की मनाही करने वाली इसी धारा 123(3) की व्याख्या पर विचार कर रही है। हालांकि संविधान पीठ में आज सुनवाई पूरी हो गई और पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

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सोनिया के चुनाव को रमेश सिंह ने मतदाता की हैसियत से चुनौती दी है। हाईकोर्ट से याचिका खारिज कर दी थी। गुरुवार को रमेश के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष कहा कि धर्म के नाम पर वोट के मुद्दे पर सात न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई कर रही है। कोर्ट इस याचिका को भी वहीं सुनवाई के लिए भेज दें या फिर चाहे तो यही कोर्ट सुनवाई कर ले।

रमेश की याचिका में कहा गया है कि 2014 में रायबरेली से चुनाव लड़ते समय सोनिया गांधी अपने मूल देश इटली की नागरिक थीं उन्होंने इटली की नागरिकता नही छोड़ी इसलिए वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थीं। याचिका में नागरिकता कानून की धारा 5(1)(सी) की वैधानिकता का भी मुद्दा उठाया गया है जिसमें विदेशी स्त्री को भारतीय नागरिक से शादी करने पर भारत की नागरिकता मिलती है। कहा गया है कि यह कानून भारत की संप्रभुता और अखंडता को प्रभावित करता है और राष्ट्रहित में नहीं है।

यह भी कहा है कि उन्होंने चुनाव मे भ्रष्ट तरीके अपनाए हैं क्योंकि सोनिया गांधी के कहने पर शाही इमाम अहमद बुखारी ने मतदाताओं से कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी। यह चुनाव के भ्रष्ट तरीका माना जाएगा। इस बात का निर्धारण चुनाव याचिका पर विस्तृत ट्रायल होने के बाद ही हो सकता है। कहा गया है कि हाईकोर्ट का आदेश निरस्त कर चुनाव याचिका का मेरिट पर ट्रायल करने का आदेश दिया जाए।

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