किसान आंदोलनः कमेटी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, सदस्य जज नहीं हैं, वे दे सकते हैं सिर्फ अपनी राय
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम टिप्पणी में कहा कि किसी मामले में पूर्व में व्यक्त की गई राय से कोई व्यक्ति उसी मुद्दे पर बनने वाली कमेटी में सदस्य नियुक्त होने के अयोग्य नहीं हो जाता।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम टिप्पणी में कहा कि किसी मामले में पूर्व में व्यक्त की गई राय से कोई व्यक्ति उसी मुद्दे पर बनने वाली कमेटी में सदस्य नियुक्त होने के अयोग्य नहीं हो जाता। किसी व्यक्ति की अपनी राय हो सकती है और वह राय बदल भी सकती है। अब लोग पढ़े-लिखे और जानकार हैं इसलिए अपनी राय बना सकते हैं, लेकिन यह आधार उन्हें कमेटी का सदस्य बनने के अयोग्य नहीं बनाता। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी तो अदालतों में लंबित क्रिमिनल केसों के त्वरित निपटारे की गाइडलाइन तय करने के मामले में सुनवाई के दौरान की, लेकिन ये टिप्पणियां किसानों के मामले में गठित कमेटी के सदस्यों पर उठ रहे विवादों को देखते हुए भी बहुत अहम हैं।
सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे कर रहे थे। उन्होंने अन्य मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि कमेटियों के गठन के बारे में भ्रम है। हर किसी को राय व्यक्त करने का अधिकार है। हर किसी की राय हो सकती है। उसकी राय बदल भी सकती है। अगर किसी ने पूर्व में किसी मुद्दे पर अपनी राय दी है तो वह व्यक्ति उसी मुद्दे पर बनने वाली कमेटी में सदस्य नियुक्त होने के अयोग्य नहीं हो जाता।
कमेटी के सदस्य जज नहीं होते। यह कोई चयन और नियुक्तियों की कमेटी का मामला नहीं है। चयन कमेटी में अंतर होता है, वह अलग मामला होता है जिसमें किसी आवेदक के प्रति पूर्वाग्रह की बात उठ सकती है।सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध खत्म करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। लेकिन कमेटी के सदस्यों द्वारा कृषि कानूनों को लेकर पूर्व में व्यक्त की गई राय को आधार बनाते हुए कमेटी में उन्हें शामिल किए जाने का विरोध किया जा रहा है।
यहां तक कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी कमेटी के सदस्यों की पूर्व में कृषि कानूनों के समर्थन में व्यक्त की गई राय को लेकर सवाल उठाया था। कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहीं कई किसान यूनियनों ने भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के समक्ष पेश नहीं होने की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी की पहली बैठक भी मंगलवार को थी।