सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अदालत का फैसला बदला, सेना को नए सिरे से जांच करने का आदेश
जोरहाट डकैती केस में कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह ने आरोपित ब्रिगेडियर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसके बाद ही वर्ष 2012 में जांच शुरू हो गई थी।
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अदालत के एक फैसले को पलट दिया है। सेना की कोर्ट ऑफ इनक्वायरी (COI) के तहत एक ब्रिगेडियर पर जूनियर अफसरों और ठेकेदारों से रकम मांगने और वित्तीय धांधलियां करने के आरोप लगे थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने सेना को इस मामले में नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया है।
इसी साल अप्रैल में ब्रिगेडियर एलआइ सिंह के खिलाफ यह मामला 2012 से चल रहा है। सिक्किम स्थित 164 माउंटेन ब्रिगेड और सुकना स्थित 33वीं कोर के ब्रिगेडियर एलआइ सिंह के बाद यह पदभार संभालने वाले सैन्य अफसर ने उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की जांच बैठाई थी। उन पर अपने आधिकारिक निवास से सरकारी संपत्ति में हेरफेर करने का आरोप था।
एकल पीठ ने की थी जांच
सुप्रीम कोर्ट में आरोपित सैन्य अफसर ने अपील के दौरान अपने वकील मेजर सुधांशु पांडे के जरिए कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में एकल पीठ ने जांच की थी और उन्हें गवाहों से पूछताछ का मौका भी नहीं दिया गया था। इसलिए इस जांच को खारिज किया जाना चाहिए।
जोरहाट डकैती केस में कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह ने आरोपित ब्रिगेडियर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसके बाद ही वर्ष 2012 में जांच शुरू हो गई थी। जनरल दलबीर वर्ष 2014 में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बन गए थे। जस्टिस एल. नागेश्वर राव के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वन मैन इन्क्वारी से जांच में कोई गफलत नहीं हुई है।