कठुआ मामले के तीन गवाहों को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने को कहा
शीर्ष अदालत नोमादिक समुदाय से ताल्लुक रखने वाली आठ वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले की सुनवाई कर रही थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कठुआ सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) पर बयान दर्ज करने के दौरान उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले तीन गवाहों को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी शिकायतों के साथ जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट जाने को कहा है। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका का निपटारा कर दिया।
याचिका में एसआइटी पर लगाया था उत्पीड़न का आरोप
उक्त तीनों गवाह साहिल शर्मा, सचिन शर्मा और नीरज शर्मा इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक विशाल जंगोत्रा के सहपाठी हैं। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तीनों गवाहों के आरोपों की जांच कराने की मांग को भी अस्वीकार कर दिया।
हालांकि, अदालत ने तीनों को यह अनुमति जरूर प्रदान कर दी कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की आगे की पूछताछ के दौरान उनके संबंधी उनके साथ रह सकते हैं। इससे पहले अदालत ने पूछताछ की वीडियोग्राफी कराने की उनकी मांग भी अस्वीकार कर दी थी, लेकिन पुलिस को आदेश दिया कि वह निष्पक्ष रूप से मामले की जांच करे।
जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम और अधिवक्ता शोएब आलम ने अदालत को बताया कि गवाहों से दोबारा पूछताछ की जा चुकी है और उनके बयान भी दोबारा दर्ज कराए जा चुके हैं। छात्रों का आरोप है कि उन पर इन तथ्यों के विपरीत बयान दर्ज कराने के लिए दबाव डाला जा रहा है कि जंगोत्रा सात जनवरी से 10 फरवरी तक उनके साथ मुजफ्फरनगर में ही था। ये सभी मुजफ्फरनगर के एक कॉलेज में बीएससी (कृषि) के छात्र हैं।
मालूम हो कि शीर्ष अदालत नोमादिक समुदाय से ताल्लुक रखने वाली आठ वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले की सुनवाई कर रही थी। यह बच्ची 10 जनवरी को जम्मू क्षेत्र में कठुआ के नजदीक एक गांव में अपने घर के पास से लापता हो गई थी। एक हफ्ते बाद उसका शव उसी इलाके में बरामद हुआ था।