Move to Jagran APP

निचली अदालतों में जजों की धीमी भर्ती प्रक्रिया से सुप्रीम कोर्ट नाराज

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों में न्यायिक अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया की सुस्ती पर गहरी नाराजगी जताई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 11:31 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 11:31 PM (IST)
निचली अदालतों में जजों की धीमी भर्ती प्रक्रिया से सुप्रीम कोर्ट नाराज

 नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों में न्यायिक अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया की सुस्ती पर गहरी नाराजगी जताई है। न्यायिक अधिकारियों के पांच हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। अदालत ने देश के सभी 24 हाई कोर्ट और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से न्यायिक अधिकारियों के रिक्त पदों का ब्योरा और उन्हें भरने की समय सीमा की जानकारी देने को कहा है।

loksabha election banner

 प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस के एम जोसेफ की तीन सदस्यीय पीठ ने न्यायिक अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया और बुनियादी सुविधाओं की जानकारी लेने के लिए गुरुवार को दिल्ली और इलाहाबाद समेत 10 हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को तलब किया था।

न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति संबंधित राज्य और हाई कोर्ट करते हैं। पीठ ने कहा,'अगर कोई हाईकोर्ट यह नहीं कर सकता है तो हम करेंगे। हमारे पास केंद्रीकृत प्रणाली है। अगर आप चाहते हैं कि हम यह काम नहीं करें, तो आप करिए। आप पर हमारी बराबर नजर बनी रहेगी। हम जजों को उनकी जगह पर देखना चाहते हैं।'

पीठ ने उच्च न्यायिक पदों पर भर्ती में हीलाहवाली पर हाई कोर्ट, खासकर दिल्ली हाई कोर्ट की आलोचना की। कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के मौजूद नहीं पर भी पीठ ने नाराजगी जताई। पीठ ने जानना चाहा कि आखिर वह कहां हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने सभी हाई कोर्ट और राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को चार वर्गों में बांट रखा है और बारी-बारी से सभी जगहों पर रिक्तियों और बुनियादी सुविधाओं के मामलों को देखेगा।

सबसे पहले उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पूर्वोत्तर राज्यों में रिक्तियों के मुद्दे लिया जाएगा। पीठ ने इन राज्यों के रजिस्ट्रार जनरल को व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद रहने को कहा है। मामले पर अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।

पीठ ने यह भी कहा कि वह इन पदों के भर जाने पर उसके मुताबिक सहायक स्टाफ और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा करेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.