दिल्ली-मुंबई के बीच बनेगा सुपर एक्सप्रेस हाईवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे जयपुर और वडोदरा के नजदीक से होकर गुजरेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार दिल्ली से मुंबई के बीच नया सुपर एक्सप्रेस हाईवे बनाएगी। इसके तैयार होने पर दोनों महानगरों के बीच कार का सफर 24 घंटे के बजाय 12 घंटे में पूरा करना संभव होगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए बिलकुल नए मार्ग (एलाइनमेंट) का निर्धारण किया जाएगा। एलाइनमेंट सीधा होने के कारण इसकी लंबाई 120 किलोमीटर कम होगी। इसमें ऐसे पिछड़े क्षेत्रों को तरजीह दी जाएगी जो हाईवे और प्रमुख नगरों व कस्बों से दूर हैं। इससे एक्सप्रेस हाईवे की लागत भी काफी कम आएगी।
पिछड़े क्षेत्रों में सस्ती जमीन मिलने से भूमि अधिग्रहण का खर्च कम होगा। अभी ज्यादातर एक्सप्रेस वे का निर्माण मौजूदा हाईवे के समानांतर होने से जमीन अधिग्रहण पर बहुत ज्यादा लागत आती है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे जयपुर और वडोदरा के नजदीक से होकर गुजरेगा। फिलहाल वडोदरा से मुंबई के बीच एक्सप्रेसवे के निर्माण का टेंडर जारी कर दिया गया है। इस पर 44 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे तथा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन इसी माह पीएम करेंगे
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली एनसीआर को जाम से निजात दिलाने वाले दो एक्सप्रेसवे -ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे (ईपीई) तथा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के विषय में कहा कि दोनों का उद्घाटन इसी महीने प्रधानमंत्री के हाथों होगा।
135 किमी लंबे छह लेन वाले ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की विशेषताओं के बारे में गडकरी ने कहा कि यह देश में एक्सप्रेसवे के मानक तय करेगा। करीब 11,000 करोड़ रुपये की लागत वाले एक्सप्रेस वे में जमीन अधिग्रहण पर 6000 करोड़ रुपये, जबकि सड़क निर्माण पर 5000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस पर इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम एक्सीडेंट डिटेक्शन सिस्टम और ओवरलोडिंग डिटेक्शन सिस्टम, ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क के अलावा चार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा।
इसके लिए एक्सप्रेस वे के दोनों ओर सोलर पैनल लगाए गए हैं। यही नहीं, इसे ग्रीन हाईवे के रूप में विकसित किया गया है जिसके लिए दोनों ओर ढाई लाख पेड़ लगाए जा रहे हैं। इसके लिए ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की गई है। ईपीई में छह स्थानों पर वे साइड अमेनिटीज होंगी। इसमें पेट्रोल पंप, मोटल, रेस्ट एरिया, वॉश रूम, रेस्त्रां, दुकानें, रिपेयर सर्विस आदि होंगे। इसके अलावा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली के जरिए जल संरक्षण भी किया जाएगा।
एक्सप्रेस वे पर 28 फव्वारों के अतिरिक्त लाल किला, अशोक स्तंभ, कोणार्क मंदिर, हवा महल, गेट वे ऑफ इंडिया, चार मीनार, कीर्ति स्तंभ, इंडिया गेट, कुतुब मीनार और जलियांवाला बाग आदि के रूप में 36 लघु स्मारक प्रतिरूप स्थापित किए गए हैं। ईस्टर्न एक्सप्रेस वे के निर्माण में रोजाना एक लाख बोरी सीमेंट के अलावा कुल एक लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।