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सुकमा में शहीद जवानों की वर्दियां मिली कचरे के डब्‍बे में

सुकमा में शहीद जवानों की वर्दी बुधवार को सुबह अंबेडकर अस्पताल में कचरे के ढेर में मिली। पोस्टमार्टम के बाद वर्दी को कचरे के ढेर में फेंके जाने की बात का खुलासा होने के बाद इस पर काफी आपत्ति जताई जा रही है।

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Thu, 04 Dec 2014 02:16 AM (IST)Updated: Thu, 04 Dec 2014 12:04 PM (IST)
सुकमा में शहीद जवानों की वर्दियां मिली कचरे के डब्‍बे में

नई दिल्ली/रायपुर। सुकमा में शहीद जवानों की वर्दी बुधवार को सुबह अंबेडकर अस्पताल में कचरे के ढेर में मिली। पोस्टमार्टम के बाद वर्दी को कचरे के ढेर में फेंके जाने की बात का खुलासा होने के बाद इस पर काफी आपत्ति जताई जा रही है।

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कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता तो इन वर्दियों को कचरे के ढेर से उठाकर कांग्रेस भवन ले आए और सम्मानजनक तरीके से रखा। इस बीच पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो वह वर्दी लेने कांग्रेस भवन पहुंची, लेकिन कांग्रेसियों ने इसे देने से इन्कार कर दिया। आखिरकार सीआरपीएफ के अफसरों के आने के बाद उन्हें वर्दी सौंपी गईं।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि जवानों की वर्दी के बारे में सूचना मिली है और इस बारे में उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम से बात की है। राजनाथ से आश्वासन दिया कि जो भी इसके लिए दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक आरसी तायल ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली मुठभेड़ में 14 जवानों की शहादत की घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फोर्स नक्सलियों की इस चुनौती को स्वीकार करती है।

लाल आतंक के खिलाफ जंग जारी रहेगी। विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में महानिदेशक ने कहा कि बस्तर में दूरसंचार सेवाओं की हालत बहुत अच्छी नहीं है फिर भी सीआरपीएफ अपना काम बेहतर ढंग से करने का प्रयास करेगा। उन्होंने जवानों के मलेरिया ग्रस्त होने पर चिंता व्यक्त करते कहा कि सीआरपीएफ स्वयं के बूते जवानों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी। बैठक के बाद वह सुकमा रवाना हो गए और कैंप पहुंचकर जवानों का मनोबल बढ़ाया।

दस जवानों को था मलेरिया

नक्सली हमले में शहीद और घायल हुए जवानों में से दस को मलेरिया हुआ था। सीआरपीएफ के आइजी एचएस सिद्धू पास की दूसरी टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। जैसे ही नक्सलियों की गोलीबारी की सूचना मिली तो सिद्धू की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक 14 जवान शहीद हो चुके थे।

गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

रायपुर। नक्सली हमले के दौरान हुई चूक के संबंध में गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय में नक्सल मामले के सलाहकार विजय कुमार के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है। इसमें गृह मंत्रालय, आइबी, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के आला अधिकारियों की टीम बनाई गई है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए कमेटी को दो सप्ताह का समय दिया गया है।

धर्मापेंटा कैंप पर नक्सलियों की फायरिंग

सुकमा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र धर्मापेंटा में सुरक्षा बलों के निर्माणाधीन कैंप पर नक्सलियों ने बुधवार रातभर रुक-रुक कर फायरिंग की। जवानों ने भी मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की। नक्सलियों द्वारा दो दिसंबर से पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) सप्ताह मनाया जा रहा है। मंगलवार की रात को भी नक्सलियों ने फायरिंग की थी। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

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