पांच राज्यों के डेढ़ सौ गन्ना किसानों से मिले पीएम मोदी, समस्या के समाधान का दिया अाश्वासन
पीएम ने कहा कि कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य में लागत का डेढ़ गुना देने के फार्मूले पर अमल किया जाएगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पांच राज्यों के डेढ़ सौ चुनिंदा गन्ना किसानों से मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एथनॉल उत्पादन बढ़ाकर गन्ना किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाएगा। उन्होंने किसानों से बातचीत में कृषि क्षेत्र की जमीनी जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य में लागत का डेढ़ गुना देने के फार्मूले पर अमल किया जाएगा। हर फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के देशों निवेशक कृषि क्षेत्र में 15 से 20 फीसद तक निवेश करते हैं। इसके मुकाबले भारत में केवल आधा फीसद निजी निवेश कृषि क्षेत्र में होता है, जो बहुत कम है। मोदी ने किसानों से कहा कि देश के उद्योगपतियों व अन्य निवेशकों से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का आग्रह किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण और बीज उद्योग क्षेत्र सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। इसमें अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री की सलाह पर कोल्ड ड्रिंक्स बनाने वाली कई कंपनियां अपने उत्पाद में पांच फीसद तक फ्रूट जूस मिला रही हैं।
विभिन्न राज्यों से आए किसानों अपनी उपलब्धियों और स्थानीय स्तर पर आने वाली मुश्किलों का भी जिक्र किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से सिंचाई में ड्रिप प्रणाली को अपनाने की सलाह दी। बेहद अनौपचारिक बातचीत में अंदाज में प्रधानमंत्री ने गन्ना किसानों की समस्या को सुलझाने के उपायों का जिक्र किया। किसानों की उपज का न्यूनतम मूल्य तय करने के बारे में बताया कि चीनी का न्यूनतम मूल्य 29 रुपये किलोग्राम तय कर दिया गया है। यानी इससे नीचे के भाव पर चीनी नहीं बेची जा सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी से मिलने गये किसानों में उत्तर प्रदेश से 45 किसान थे, जिन्होंने खेती को लेकर आने वाली कठिनाइयों और सरकार की योजनाओं से मिली सहूलियत के बारे में बात की। इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वायल हेल्थ कार्ड यानी खेत की मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर खाद का प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने सिंचाई के आधुनिक माइक्रो इरिगेशन के उपयोग की बात कही। मिलने गये किसानों का चयन के बारे में भाजपा नेता संजीव बालियान ने स्पष्ट किया कि भाजपा के नेताओं व मंत्रियों ने किया था। इनमें भाजपा कार्यकर्ताओं के मुकाबले ज्यादातर वास्तविक किसानों का चयन किया गया था। किसानों को साथ लेकर मिलने गये नेताओं में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, सत्यपाल सिंह, संजीव बालियान, विजयपाल तोमर और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह प्रमुख थे।