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सूडान को रास नहीं आई आजादी: जन्‍म से ही गृहयुद्ध के भंवर जाल में फंसा ये देश, बाशिर की हर कोशिश रही नाकाम

आइए जानते हैं सूडान और बशीर के अनछुए पहलुओं के बारे में। जिस देश ने अंग्रेजों से आजादी तो हासिल की लेकिर कभी स्थिर और शांति नहीं रहा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 03:31 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 08:45 AM (IST)
सूडान को रास नहीं आई आजादी: जन्‍म से ही गृहयुद्ध के भंवर जाल में फंसा ये देश, बाशिर की हर कोशिश रही नाकाम
सूडान को रास नहीं आई आजादी: जन्‍म से ही गृहयुद्ध के भंवर जाल में फंसा ये देश, बाशिर की हर कोशिश रही नाकाम
नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। सूडान के उमर अल-बशीर को सेना ने गुरुवार को राष्‍ट्रपति पद से हटा दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया। बशीर पर कई तरह के इलजामात है। लेकिन बशीर का पूरा सच इतना ही नहीं है। तीस वर्ष पूर्व जब बशीर सत्‍ता पर काबिज हुए तो उन्‍होंने गृहयुद्ध को रोकने के लिए तमाम संवैधानिक उपाय और यत्‍न किए लेकिन शांति के लिए उनका हर प्रयास और उपाय फेल रहा। बशीर के कार्यकाल में सूडान की अर्थव्‍यवस्‍था तेजी से आगे बढ़ी। आइए जानते हैं सूडान और बशीर के अनछुए पहलुओं के बारे में। जिस देश ने अंग्रेजों से आजादी तो हासिल की लेकिर कभी स्थिर और शांति नहीं रहा।
1956 में ब्रिटेन से स्‍वतंत्र हुआ ये मुल्‍क
1950 के दशक में अफ्रीकी महाद्वीप में एक नए देश का जन्‍म हुआ। इस देश का नाम सूडान है। 1956 में ब्रिटेन से स्‍वतंत्रता हासिल करने के बाद यह देश गृहयुद्ध में फंस गया। इसी गृहयुद्ध के बीच कर्नल उमर अल बशीर ने 1989 में रक्‍तविहिन तख्‍तापलट किया था। बशीर के कार्यकाल में सूडान में व्‍यापक आर्थिक सुधारों को लागू किया गया। इससे सूडान की अर्थव्‍यवस्‍था क्रांतिकारी बदलाव अया।

सूडान की अर्थव्‍यस्‍था तेजी से बढ़ी। प्राकृतिक संसाधन के रूप में पेट्रोलियम और कच्‍चे तेल का यहां अपार भंडार है। बशीर के कार्यकाल में 2005 में एक नए संविधान के जरिए विद्रोही गुटों को सीमित स्‍वायत्‍तता दी गई। इसके बाद 2011 में स्‍वतंत्रता के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की बात पर गृहयुद्ध को रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन बशीर गृहयुद्ध पर पूर्ण विराम लगाने में नाकाम रहे।
बशीर का चर्चित कार्यकाल
ओमर अल बशीर का संबंध सुडान की सेना से था। वह सुडानी सेना में एक अफसर थे। वर्ष 1989 में सेना के तख्‍तापलट के बाद वह सुडान की सत्‍ता पर काबिज हुए। उनके कार्यकाल को गृहयुद्ध और असंतोष के लिए याद किया जाता है। उनके शासनकाल में दक्षिण सूडान में बड़ा गृहयुद्ध हुआ। उस समय दक्षिण सूडान इस देश का अभिन्‍न अंग था। वर्ष 2011 में दक्षिण सूडान इससे पृथक हो गया। लेकिन ओमर की परेशानियां का यहीं खात्‍मा नहीं हुआ। देश के पश्चिमी हिस्‍से में नया गृहयुद्ध प्रारंभ हो गया।

इस दौरान बशीर ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर जुल्‍म ढाया। बशीर पर युद्ध अपराध कराने का आरोप लगा। अंतरराष्‍ट्रीय अदालत ने मामले को संज्ञान में लेते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। इस दौरान वशीर ने देश में हुए 2010 एव 2015 में चुनाव जीते। हालांकि, 2015 में हुए चुनाव में विपक्ष ने चुनाव का बहिष्‍कार किया। 
इस दौरान उनकी अंतरराष्‍ट्रीय यात्राओं पर रोक लग गई, लेकिन इस प्रतिबंध के बावजूद बशीर ने मिस्र, सऊदी अरब और दक्षिण अफ्रीका की याताएं की। वर्ष 2015 में जब वह दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर थे तभी अफ्रीकी अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर सुनवाई शुरू कर दी। इसके चलते उन्‍होंने यात्रा को बीच में रोक स्‍वदेश लौट गए। 
अफ्रीका और अरब जगत का सबसे बड़ा देश
सूडान गणराज्‍य उत्‍तर पूर्व अफ्रीका में स्थित एक देश है। यह अफ्रीका और अरब जगत का सबसे बड़ा देश है। क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का दसवां सबसे बड़ा मुल्‍क है। इसके उत्‍तर में मिस्र और उत्‍तर पूर्व में लाल सागर है। इसके पूर्व में इथियोपिया और दक्षिण में युगांडा और केन्‍या है। पश्चिम में लीबिया राज्‍य है। दुनिया की सबसे लंबी नील नदी इसी राज्‍य में बहती है। यह देश को दो हिस्‍सो में विभक्‍त करती है। 

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