भविष्य में होंगी कागज की तरह फोल्ड हो जाने वाली इमारतें, जानिए इन आर्किटेक्चर के हैरतअंगेज प्रस्ताव
कागज की तरह फोल्ड हो जाने वाली इमारत, घर के साथ खेत वाली इमारत, नदी के पानी को शोधित करने वाली इमारत ये किसी साइंस फिक्शन फिल्म की इमारतें नहीं हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। कागज की तरह फोल्ड हो जाने वाली इमारत, घर के साथ खेत वाली इमारत, नदी के पानी को शोधित करने वाली इमारत... ये किसी साइंस फिक्शन फिल्म की इमारतें नहीं हैं। ये निकट भविष्य की इमारतें हैं जिनपर दुनियाभर के आर्किटेक्ट काम कर रहे हैं।
प्रसिद्ध आर्किटेक्चर मैग्जीन इवोलो की सालाना प्रतियोगिता में वास्तुकारों ने तकनीक के अनूठे इस्तेमाल से विभिन्न जगहों के प्राकृतिक परिदृश्य के अनुसार बनाई इन हैरतअंगेज इमारतों के प्रस्ताव रखे। कुल 526 डिजायनों में से पोलैंड के आर्किटेक्टों की बनाई स्काईशेल्टर.जिप इमारत को पहला स्थान मिला। विजेताओं के इतर सराहे गए डिजायनों में भारतीय आर्किटेक्टों द्वारा प्रस्तावित डिजायन भी शामिल है।
स्काईशेल्टर.जिप
यह इमारत ऑरिगैमी (कागज को मोड़ कर विभिन्न आकृतियां बनाने की कला) से प्रेरित है।
1: हेलीकॉप्टर इस इमारत को सिमटे हुए आकार में आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचा देंगे। इमारत का निचला हिस्सा जमीन से कसकर बांधा जाएगा।
2: इमारत के अंदर लगे गुब्बारे में हीलियम गैस भरी जाएगी, जिससे इमारत फूलकर अपने असली आकार में आ जाएगी।
3: यही गुब्बारा और अंदर मौजूद मेटल फ्रेम इमारत को अस्थिर जमीन पर भी सीधा रखेगी।
दूसरा स्थान : हांग-कांग
जिंजा : शिंतो श्राइन स्काईस्क्रैपर टोक्यो के लिए प्रस्तावित इस इमारत में धान की खेती, आध्यात्मिक ध्यान-योग और सामुदायिक विकास के लिए जगह दी गई है।
तीसरा स्थान : चिली जिंजा: फायर प्रिवेंशन स्काईस्क्रैपर क्लॉडियो एरियास ने इसे चिली के जंगलों में आग लगने से क्षतिग्रस्त हुए घरों के विकल्प के तौर पर डिजायन किया है। इसमें हवा धीमी करने की प्रणाली दी गई है।
इन्हें मिली सराहना : कुल 526 डिजायनों में से 27 को विशेष सराहना मिली। पेश हैं चुनिंदा डिजायन :
द वर्टिकल एयरपोर्ट: अमेरिकी वास्तुकार जोनाथन ऑर्टेगा का यह डिजायन बेहद कम जगह में तैयार किया जा सकेगा। यह एयरपोर्ट जमीन पर नहीं बल्कि लंबवत रूप में फैला होगा।
सॉल्टस्क्रैपर: भारतीय वास्तुकारों की टीम ने इसे गुजरात के कच्छ में नमक की खेती वाली जमीन के लिए डिजायन किया है। इसमें नमक के ही बड़े बड़े खंड़ों से इमारत तैयार की जाएगी।
द अर्बन लंग टिंबर स्काईस्क्रैपर : ब्रिटिश वास्तुकार रयान गॉम्र्ले के इस डिजायन में लगी लकड़ी प्रदूषक तत्वों को सोख लेगी।
रवर स्क्वेर : दक्षिण कोरियाई टीम ने इसे भारतीय नदियों के लिए डिजायन किया है। यह नदी का दूषित जल खींचकर शुद्ध करेगा फिर उसे गांवों व रिहायशी इलाकों में भेजा जाएगा।
डिमो इमानोव : स्विट्जरलैंड के डिमो इमानोव ने इसे दक्षिणी चिली के केप हॉर्न के लिए डिजायन किया है। यह इमारत सालाना 10 करोड़ किलो वाट आवर ऊर्जा का उत्पादन करेगी।