सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने की जायडस कैडिला के एंटीबॉडी कॉकटेल के ट्रायल की सिफारिशें
भारत को जल्द एक और वैक्सीन मिल सकती है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने जायडस कैडिला (Zydus Cadila) के एंटीबॉडी कॉकटेल (ZRC-3308) के ट्रायल की सिफारिशें की है। हाल ही में जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने औषधि महानियंत्रक यानी डीसीजीआई से इस एंटीबॉडी कॉकटेल के ट्रायल की मंजूरी मांगी थी।
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत को जल्द एक और वैक्सीन मिल सकती है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने जायडस कैडिला (Zydus Cadila) के एंटीबॉडी कॉकटेल (ZRC-3308) के ट्रायल की सिफारिशें की है। जायडस भारत की अकेली कंपनी है जिसने कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आधारित कॉकटेल विकसित किया है। यह कॉकटेल हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए है। हाल ही में जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने औषधि महानियंत्रक यानी डीसीजीआई से इस एंटीबॉडी कॉकटेल के ट्रायल की मंजूरी मांगी थी।
जायडस कैडिला के मुताबिक यह दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का एक कॉकटेल है जो प्राकृतिक एंटीबॉडी की नकल करता है जो शरीर में संक्रमण से लड़ने के लिए उत्पन्न होता है। बीते दिनों जायडस हेल्थकेयर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ शरविल पटेल ने कहा था कि मौजूदा वक्त में हमें कोरोना से निपटने के लिए सुरक्षित और अधिक प्रभावी उपचार तलाशने की दरकार है। इस समय उन विकल्पों को तलाशना महत्वपूर्ण है जो कोरोना संक्रमितों की पीड़ा और परेशानी को कम कर सकते हैं।
इस बीच सरकार तीसरी लहर के पहले अधिकतर लोगों को स्वदेशी वैक्सीन वैक्सीन उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटी है। इस सिलसिले में केंद्र सरकार ने हैदराबाद की कंपनी बायोलाजिकल ई को वैक्सीन की 30 करोड़ डोज के उत्पादन और भंडारण के लिए 1,500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। बायोलाजिकल ई की वैक्सीन का अभी तीसरे फेज का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। बता दें कि इस समय टीकाकरण में इस्तेमाल की जा रही भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बायोलाजिकल ई कंपनी को यह रकम वैक्सीन खरीद के एडवांस के रूप में दी गई है। इसकी मदद से कंपनी अगस्त से दिसंबर के बीच 30 करोड़ डोज का उत्पादन और भंडारण करेगी। तीसरे फेज का ट्रायल पूरा होने और इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलने के बाद कंपनी इन्हें भारत सरकार को सप्लाई करेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल भले ही पूरा नहीं हुआ है लेकिन पहले और दूसरे फेज के ट्रायल के नतीजे बहुत बेहतर साबित हुए हैं।