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एंट्रिक्स-देवास करार में लगाए गए आरोप मूर्खतापूर्ण: नायर

कोयंबटूर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने एंट्रिक्स-देवास करार को लेकर उनके ऊपर लगाए गए आरोपों को मूर्खतापूर्ण बात करार दिया है। मामला अदालत के विचाराधीन होने के कारण उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ कहने से इन्कार कर दिया। नायर ने सोमवार को यहां एक संस्थान में 'राष्ट्रीय विकास के समक्ष तकनीकी च

By Edited By: Published: Mon, 18 Feb 2013 06:30 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2013 06:46 PM (IST)
एंट्रिक्स-देवास करार में लगाए गए आरोप मूर्खतापूर्ण: नायर

कोयंबटूर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने एंट्रिक्स-देवास करार को लेकर उनके ऊपर लगाए गए आरोपों को मूर्खतापूर्ण बात करार दिया है। मामला अदालत के विचाराधीन होने के कारण उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ कहने से इन्कार कर दिया।

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नायर ने सोमवार को यहां एक संस्थान में 'राष्ट्रीय विकास के समक्ष तकनीकी चुनौतियां' विषय पर आयोजित सेमीनार में वैज्ञानिक परियोजनाओं के लिए और ज्यादा बजट आवंटन की वकालत की। उन्होंने चंद्रमा पर इसरो के मानवीय मिशन के बारे में भी कुछ कहने से इन्कार कर दिया। इसरो की एक कमेटी ने चार फरवरी, 2012 को नायर और तीन अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों को एंट्रिक्स-देवास करार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें किसी भी सरकारी पद पर नियुक्त करने पर रोक लगा दी थी।

इस करार की जांच-पड़ताल करने वाली पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रत्यूष सिन्हा की अगुआई वाली समिति का कहना था कि यह करार असल में निजी कंपनी देवास को फायदा पहुंचाने वाला था। इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स और देवास के इस विवादास्पद करार को बाद में सरकार ने रद कर दिया था।

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