MP: स्कूल में बच्चों से साफ कराया गया शौचालय, क्लैक्ट्रेट बोलीं जापान में भी करते हैं बच्चा काम
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक सरकारी स्कूल में बच्चों से शौचावय साफ कराने का मामला सामने आया है।
खंडवा (मध्य प्रदेश) जेएनएन। मध्य प्रदेश में खंडवा जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों से शौचालय साफ कराने का मामला सामने आया है। दरअसल, राज्य के गांव सिहाड़ा की प्राथमिक बालक शाला में बच्चों से स्कूल का शौचालय साफ करवाया गया। घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसके बाद बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल पहुंचे।
उन सभी ने प्रधानाध्यापक से चर्चा की लेकिन, उन्होंने बात करने से साफ मना कर दिया। इससे अभिभावक बुरी तरह आक्रोशित हो गए और उन्होंने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से करने की बात कही है। उधर, कलेक्टर ने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है।
मामला सोमवार (26 अगस्त) का बताया जा रहा है। एक ग्रामीण स्कूल परिसर में पहुंचा तो उसे शौचालय से बच्चों की आवाज सुनाई दी। उसने अंदर जाकर देखा तो बच्चे शौचालय के फर्श पर पानी डालकर उसे झाड़ू से साफ करते नजर आए। ग्रामीण ने बच्चों का वीडियो बनाकर स्कूल की प्रधानाध्यापक गुलाब सोनी को जानकारी दी। इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देने पर वीडियो वायरल कर दिया गया। इसकी जानकारी मिलते ही जनप्रतिनिधियों के साथ ही बड़ी संख्या में अभिभावकों और ग्रामीणों ने स्कूल पहुंचकर सोनी के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई।
वीडियो में नजर आए कक्षा चौथी के छात्र पीयूष के नाना रामचरण भामदरे ने उनसे कहा कि हम बच्चे से घर का कोई काम नहीं करवाते हैं। उसे पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं और आप उससे शौचालय साफ करवाने का काम करवाते हो। कुछ अभिभावकों ने बच्चों को परीक्षा में नंबर अधिक देने का लालच देकर शौचालय साफ करवाने की बात भी कही। चर्चा के दौरान सोनी अपने ऊपर लग रहे आरोपों को नकारती रहीं। इस दौरान वीडियो में नजर आए बच्चे भी काफी सहमे हुए थे। पूर्व जनपद सदस्य प्रणय श्रीमाली, नासिर खान सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी जीएल रघुवंशी से शिकायत करने की बात कही है।
प्रधानाध्यापक बोली आरोप निराधार
इस संबंध में प्रधानाध्यापक सोनी का कहना है कि बच्चे छुट्टी के समय शौचालय गए थे। एक बच्चा फर्श पर कीचड़ होने की वजह से गिर गया था। इसके बाद कुछ बच्चों ने फर्श को झाड़ू से साफ किया होगा। बच्चों को परीक्षा में अधिक नंबर देने का आरोप निराधार है। महीने में दो बार स्वीपर द्वारा शौचालय की सफाई करवाई जाती है।
जापान में बच्चे स्कूल का हर काम करते हैं : कलेक्टर
स्कूलों में विद्यार्थियों से सफाई कराने के मामले में कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल का कहना है कि सफाई करने में कुछ गलत नहीं है। जापान में बच्चे स्कूल का हर काम करते हैं। जब बच्चे सफाई कार्य में लगेंगे तो ग्रामीण और पंचायत को भी लगेगा कि वहां सफाई रखना चाहिए। स्कूल समाज का है अगर यहां बच्चे सफाई कर रहे हैं तो इसे सकारात्मक ढंग से लेना चाहिए। हम स्कूलों, आंगनबाड़ियों और कॉलेजों में जाकर देख रहे हैं कि वहां किन व्यवस्थाओं की जरूरत है। कैसे वहां सुविधाएं बेहतर की जा सकती हैं।