सर्पदंश के इलाज के लिए आइआइटी के छात्रों ने तैयार की सस्ती और ज्यादा असरदार दवा
एलटीएनएफ एक ऐसा पेप्टाइड है, जो सांप के जहर के असर को खत्म करने के लिए जाना जाता है। हमने एक ऐसी प्रक्रिया विकसित की है, जिससे अत्याधिक शुद्ध एलटीएनएफ का उत्पादन किया जा सकता है।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), दिल्ली के छात्रों ने सर्पदंश से इलाज के लिए एक सस्ती और ज्यादा असरदार दवा तैयार करने का रास्ता तलाश लिया है। इसके जरिये सांप के विष के असर को खत्म किया जा सकता है। इसमें अमेरिका स्थित सैन जोस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी सहयोग किया है।
शोधकर्ता अनुराग राठौर कहते हैं, सर्पदंश से बचाने में पेप्टाइड्स अहम भूमिका निभाते हैं। इनका शुद्धिकरण एक बड़ी चुनौती होती है। लेथल टॉक्सिन- न्यूट्रिलाइजिंग फैक्टर (एलटीएनएफ) एक ऐसा पेप्टाइड है, जो सांप के जहर के असर को खत्म करने के लिए जाना जाता है। हमने एक ऐसी प्रक्रिया विकसित की है, जिससे अत्याधिक शुद्ध एलटीएनएफ का उत्पादन किया जा सकता है।
इस तरह विकसित की प्रक्रिया
आइआइटी के शोधकर्ताओं ने पुन:संयोजक डीएनए टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर एलटीएनएफ बनाने की प्रक्रिया विकसित की है और इसे पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है। शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई दवा ने रैटलस्नैक और वाइपर के जहर के असर को खत्म करने में शानदार प्रभाव दिखाया है। वहीं, दूसरे सांपों के जहर पर इसकी जांच अभी जारी है। यदि यह जांच सफल होती है तो भविष्य में एलटीएनएफ आधारित उपचार सस्ता और अधिक प्रभावकारी हो जाएगा।
2009 से पहले किया गया नजरअंदाज बता दें कि सर्पदंश एक ऐसी समस्या थी, जिसे दशकों तक नजरअंदाज किया जाता रहा। वर्ष 2009 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इसे उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों की सूची में शामिल किया, जिसके बाद इसकी तरफ अधिक ध्यान दिया जाने लगा।