Move to Jagran APP

जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन नियमों का सख्ती से हो पालन : एनजीटी

उल्लंघन करने वालों के खिलाफ क्षतिपूर्ति व्यवस्था लागू करने के निर्देश। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने सीपीसीबी को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए क्षतिपूर्ति व्यवस्था लागू करने के निर्देश भी दिए हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:08 AM (IST)
जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन नियमों का सख्ती से हो पालन : एनजीटी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने की कड़ी टिप्पणी। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एएनआइ। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन नियमों, 2016 का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। ट्रिब्युनल ने सीपीसीबी को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए क्षतिपूर्ति व्यवस्था लागू करने के निर्देश भी दिए हैं।

loksabha election banner

एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जैव चिकित्सा कचरे से निपटने के मानकों का समुचित अनुपालन करने की जरूरत है। अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस कचरे का निपटान सिर्फ अधिकृत एजेंसियों द्वारा किया जाए, कामन सुविधा केंद्र दिशानिर्देशों के मुताबिक स्थापित हों और उन्हें पर्यावरण मंजूरी प्राप्त हो।

एनजीटी का यह भी कहना है कि अनधिकृत रीसाइक्लर नहीं होने चाहिए और पर्याप्त संख्या में जैव चिकित्सा कामन सुविधा केंद्रों की स्थापना की जानी चाहिए। एनजीटी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया कि वे कम से हर तिमाही अनुपालन की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि उनके अधिकार क्षेत्र में हर स्वास्थ्य देखभाल केंद्र ने अनुमति हासिल की है और वे मानकों का पालन कर रहे हैं।

एस-400 के संचालन का प्रशिक्षण लेने रूस जाएगा भारतीय सैन्य दल

भारतीय सैनिकों का एक दल एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त करने अगले कुछ दिनों में रूस के लिए रवाना होगा। इस मिसाइल प्रणाली के पहले खेप की आपूíत इस साल के उत्तरार्ध में मॉस्को द्वारा किए जाने की संभावना है। भारत में रूस के राजदूत निकोलाय आर कुदाशेव ने मंगलवार को रूसी दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में एक समूह से संवाद करते हुए कहा कि एस-400 दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूती प्रदान करने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना है।उन्होंने कहा कि भारत-रूस सैन्य और सैन्य प्रौद्योगिकी संबंध निरंतर बढ़ने वाले असाधारण पारस्परिक हितों, सामंजस्य, निरंतरता और पूरकता पर आधारित हैं। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई खरीदने का करार किया था। भारत ने यह करार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाने की धमकी के बावजूद किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.