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Lockdown में करें योग, प्राणायाम एवं आहार में थोड़ा परिवर्तन, तो जरूर बढ़ेगी Immunity Power

प्रोफेशनल वेलनेस कोच की योग गुरु मनीषा खरबंदा ने बताया कि बालासन अधोमुख श्वानासन शवासन अद्र्धउत्तानासन जैसे आसनों से चिंता दूर होती है तथा सुकून भरी नींद आती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 01:50 PM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 01:51 PM (IST)
Lockdown में करें योग, प्राणायाम एवं आहार में थोड़ा परिवर्तन, तो जरूर बढ़ेगी Immunity Power

नई दिल्ली, जेएनएन। कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन के कारण लोग घरों में सुरक्षित हैं। इस वक्त जरूरी है कि हम अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं। योग, प्राणायाम एवं आहार में थोड़ा परिवर्तन करके आप अपनी इम्यूनिटी मजबूत कर फेफड़ों के जरिए शरीर में पहुंचने वाले संक्रमण से बचाव के लिए रक्षा प्रणाली को प्राकृतिक रूप से मजबूत कर सकते हैं। इनसे आपको इस मुश्किल दौर में तनावमुक्त रहने व चिंताओं को दूर रखने में मदद भी मिलेगी।

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दिन की सही शुरुआत करने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले गुनगुना पानी पिएं। यह ‘ऊषापान’ सदियों पुराना भारतीय तरीका है जिससे पूरी रात शरीर में एकत्रित होने वाले विषैले तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा सुबह-सुबह एक-एक चम्मच मोरिंगा पाउडर (सहजन की पत्तियों का चूर्ण) व आंवला का चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से आपकी इम्यूनिटी बढ़ती है।

आप नींबू व शहद के साथ चाय में भी इसे ले सकते हैं। शरीर की सही मालिश बच्चों के लिए जरूरी तो है ही साथ ही वयस्कों में भी यह काफी फायदेमंद साबित होती है। मालिश की मदद से आप न केवल अपनी मांसपेशियों की मजबूती सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि थकान दूर करने, शरीर मजबूत बनाने और कई दूसरी बीमारियों से रक्षा में इसका लाभ ले सकते हैं।

आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में मालिश को बेहद अहम माना गया है। इसे कई बीमारियों के इलाज में प्रभावी माना जाता है। यह तन-मन को नई ताजगी देती है। सुबह नहाने के बाद तिल के तेल से मालिश करें। यदि तिल का तेल न हो, तो सरसों का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। यह वाहिनियों की रुकावट को दूर कर शरीर में रक्त का संचार बढ़ाती है। धूप में सरसों के तेल की मालिश से शरीर में सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन-डी अच्छी तरह समा जाता है। इसमें विटामिन ई भी होता है, जिससे त्वचा की झुर्रियां दूर होती हैं।

तिल के तेल में अल्ट्रावॉयलेट किरणों से रक्षा करने का प्राकृतिक गुण होता है। इसके नियमित इस्तेमाल से सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में आने पर भी इन किरणों के हानिकारक प्रभाव से रक्षा होती है, जिससे त्वचा पर बढ़ती उम्र के असर कम दिखते हैं। तिल के तेल में विषैले तत्वों को दूर करने के गुण होने के कारण इसे मालिश के लिए बहुत अच्छा माना गया है। इसकी मालिश से शरीर काफी शुद्ध हो जाता है।

अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी होता है। नींद के दौरान हमारे शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत व पुनर्निर्माण होता है। नींद के दौरान दिमाग शरीर की कोशिकाओं को 60 प्रतिशत तक सिकोड़ कर अपने अंदर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल देता है। इस प्रक्रिया के सही तरीके से पूरा होने पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

जुटा लें दिन भर की ऊर्जा : दिन की शुरुआत में योग-व्यायाम आपको कई प्रकार के लाभ देते हैं। शुरुआत सूर्य नमस्कार के साथ करें। सूर्य नमस्कार करने से आपमें ऊर्जा का संचार होता है तथा पिंगला नाड़ी सक्रिय होती है, जिससे आपको दिन के काम करने के लिए ऊर्जा मिलती है। सूर्य नमस्कार के अलावा ऐसे आसन करें जो आपके शरीर एवं इसकी इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं। इनमें अधोमुख श्वानासन, उत्तानासन, भुजंगासन, प्रसारित पादोत्तानासन को शामिल कर सकते हैं। इनके साथ ही प्राणायाम भी शरीर में ऊर्जा चक्र सक्रिय करने में मदद करता है।

प्राणायाम का मस्तिष्क तथा इसके मनोविज्ञान पर सकारात्मक असर भी पड़ता है। बार-बार माईग्रेन, थकावट या फिर सुस्ती की शिकायत कम इम्यूनिटी की वजह से होती है, जिसे प्राणायाम से दोबारा हासिल किया जा सकता है। भ्रामरी प्राणायाम कानों को बाहरी शोरगुल से बंद कर तथा अपना ध्यान अंदर की ओर केंद्रित कर तत्काल राहत प्रदान करता है। इससे तनाव कम होता है एवं नींद न आने की समस्या का समाधान होता है। अनुलोमविलोम की मदद से श्वांस नली की रोगनिरोधक शक्तिबढ़ती है। संपूर्ण रूप से देखा जाए तो प्राणायाम फेफड़ों को नवऊर्जा देता है जिससे माइक्रोब्स के प्रति रोगनिरोधक क्षमता मजबूत होती है और आप परिवेश में संक्रमण होने पर भी स्वस्थ रहते है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • सोने से पहले एक कप दूध में एक चम्मच हल्दी लेने से नींद के दौरान शरीर में उपचार की प्रक्रिया बढ़ती है।
  • बालासन, अधोमुख श्वानासन, शवासन, अद्र्धउत्तानासन जैसे आसनों से चिंता दूर होती है तथा सुकून भरी नींद आती है।
  • बासी खाना, दोबारा गर्म करके, फ्रिज में रखा खाना न खाएं, क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार यह मृत भोजन है। इसमें प्राण ऊर्जा बिल्कुल नहीं होती।
  • सोने से पहले बाएं नासाछिद्र से कम से कम 5 मिनट तक श्वांस लेने या फिर चंद्र भेदन प्राणायाम करने से चंद्र नाड़ी सक्रिय होती है जिससे मस्तिष्क नींद के दौरान पूरी तरह से आराम कर पाता है।
  • योग के बाद पोषण के लिए मिश्रित रस, जिसमें नीम से लेकर अमरुद एवं आम से लेकर लेमन ग्रास तक, सभी खाने योग्य पत्तियों का रस हो, लिया जा सकता है। भुना जीरा, पिसी काली मिर्च, अदरक एवं नींबू का रस मिलाकर इन्हें स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।

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