कश्मीर के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू, कई जगह सुरक्षाबलों के शिविरों पर हमले
कश्मीर घाटी के सभी दस जिलों में कर्फ्यू जारी रहा लेकिन कोई ऐसा इलाका नहीं था जहां पर देश विरोधी जुलूस ना निकले हों।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में शुक्रवार को करीब एक सप्ताह बाद सभी दस जिलों में कर्फ्यू रहा। बावजूद इसके वादी में कोई ऐसा इलाका नहीं रहा, जहां देश विरोधी जुलूस नहीं निकले। बांदीपोर और गांदरबल में हिंसक भीड़ ने सुरक्षाबलों के शिविरों पर हमले का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने बलपूर्वक नाकाम बना दिया। वादी में सबसे ज्यादा हिंसा गांदरबल के अरहामा में हुई।
दिनभर अलगाववादी समर्थकों और पुलिस के बीच जारी हिंसक झड़पों में एक दर्जन सुरक्षाकर्मियों समेत 40 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए, हालांकि पुलिस ने तीन दर्जन पथराव की घटनाओं में 12 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वादी में हिंसा के 35वें दिन भी सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप रहा। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति नाममात्र रही। सभी दुकानें और निजी प्रतिष्ठान बंद रहे।
गली-बाजारों समेत सभी संवेदनशील इलाकों में प्रशासन ने बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनात करते हुए पूरी वादी में कर्फ्यू घोषित कर दिया था। सिर्फ कुछ दूरदराज के कस्बों को इससे मुक्त रखा गया था। प्रशासन ने यह कदम नमाज-ए-जुम्मा के बाद अलगाववादियों द्वारा आयोजित राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए उठाया था।
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दोपहर तक स्थिति शांत रही और उसके बाद हालात बिगड़ गए। वादी में कोई इलाका ऐसा नहीं रहा, जहां जुलूस नहीं निकले। ग्रीष्मकालीन राजधानी के महजूर नगर, पादशाहीबाग, सोनवार, डाउन-टाउन के अलावा लालचौक के साथ सटे सराईबाला और जिला उपायुक्त कार्यालय के साथ सटे चोटाबाजार में राष्ट्र विरोधी रैलियां निकलीं। सिर्फ पादशाहीबाग में पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
बांदीपोर जिला मुख्यालय और उसके साथ सटे हाजिन व अजस में पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पैलेट गन भी चलानी पड़ी। अजस में हिंसक भीड़ ने एक सीआरपीएफ शिविर पर हमले का प्रयास किया था। सोपोर और ओल्ड बारामुला के अलावा कुपवाड़ा में भी पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांजनी पड़ी।
बडग़ाम के बीरवाह और ओमपोरा में भी पुलिस को हिंसक भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियां व आंसूगैस का सहारा लेना पड़ा। गांदरबल के अरहामा में सुरक्षाबलों के शिविर की तरफ बढ़ रही भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को दिनभर मशक्कत करनी पड़ी। स्थानीय लोगों के अनुसार, अरहामा में 30 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।
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दक्षिण कश्मीर के काकपोरा, पांपोर, अवंतीपोर, खन्नबाल, शोपियां, जेनपोरा, पुलवामा, काजीगुंड और कोयमू में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में एक दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हुए। अलबत्ता, पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि हिंसक प्रदर्शनकारियों द्वारा बार-बार उकसाए जाने के बावजूद सुरक्षाकर्मियों ने यथासंभव सयम बनाए रखते हुए बल प्रयोग से बचाव का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों ने कई जगह रास्तों को बंद कर दिया था। कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान हिंसक प्रदर्शनकारियों के हमले में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कई जवान जख्मी हुए हैं।