आतंकियों को दबोच रही थी एसटीएफ, बगल में कचौड़ी खरीद रहा था माही
आतंकी माही से पूछताछ और जांच में इस बात का पता चला है कि वह काफी शातिर है। उसने बांग्लादेश और भारत में तीन बार सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दिया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। नेपाल सीमा से गिरफ्तार किए गए अलकायदा के चौथे आतंकी उमर फारूख उर्फ मोहम्मद अफताब उर्फ माही से पूछताछ में पुलिस को चौकाने वाली जानकारी मिली है। पता चला है कि 21 नवम्बर को जब एसटीएफ की टीम कोलकाता स्टेशन के पास अलकायदा के दोनों आतंकियों यानी शमशाद और रियाज के साथ हथियार तस्कर मंतोष दे को गिरफ्तार कर रही थी, उस समय माही भी वहीं मौजूद था। जब इन तीनों को दबोचने के लिए पुलिस ने धावा बोला था तब वह चंद मिनट पहले ही कचौड़ी खरीदने के लिए पास की फुटपाथ पर गया था।
पुलिस ने समझा था कि यहां केवल तीन ही लोग हैं और उन्हें गिरफ्तार कर वापस लौट आई थी। इधर साथियों की गिरफ्तारी की भनक लगते ही माही ने कोलकाता छोड़ना मुनासिब समझा और तुरंत वहां से भागकर दुर्गापुर चला गया। वहां से वह सिलीगुड़ी गया और गत शुक्रवार को नेपाल सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था तभी उसके पीछे लगी एसटीएफ की टीम ने उसे धर दबोचा।
तीन बार एंजेसियों को दे चुका हैं चकमा
आतंकी माही से पूछताछ और जांच में इस बात का पता चला है कि वह काफी शातिर है। उसने बांग्लादेश और भारत में तीन बार सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दिया है। पता चला है कि बांग्लादेश के ढाका में स्थित मीरपुर कॉलेज के प्रिंसिपल को मारने जाते वक्त भी उसने पुलिस को धोखा दिया था। अंसार बांग्ला संगठन के अन्य आतंकियों के साथ माही भी हत्या के इस वारदात को अंजाम देने जा रहा था, लेकिन भनक लग जाने के बाद बांग्लादेश पुलिस टीम ने इनका पीछा किया था, पर वह फरार हो गया।
साली की शादी में भी पुलिस को दिया था धोखा
यह भी पता चला है कि उसने दूसरी बार भी बांग्लादेश की पुलिस को तब धोखा दिया था जब साली की शादी में उसके मौजूद होने पर सुरक्षा एजेंसियां उसके पीछे पड़ी थीं। दरअसल, उसकी साली की शादी शहाद नाम के अलकायदा आतंकी से हो रही थी। बांग्लादेश पुलिस ने शहाद को तब गिरफ्तार कर लिया था जब वह शादी करने के लिए ससुराल की ओर आ रहा था। इधर माही उसके स्वागत के लिए साली के घर मौजूद था। शहाद की गिरफ्तारी की जानकारी होते ही वह साली को छोड़ फरार होने में कामयाब हो गया था। इसके बाद वह भारत आ गया था और बाकी आतंकियों के साथ यहां आतंक की साजिश रचने व अंजाम देने में जुटा था।