Move to Jagran APP

कोरोना से निपटने में अब काम आएगा 123 वर्ष पहले बना महामारी रोग अधिनियम 1897

Epidemic Diseases Act-1897 के तहत राज्‍यों ने कोरोना को महामारी घोषित किया है। ये राज्‍यों और केंद्र सरकार को कुछ अतिरिक्‍त शक्तियां प्रदान करता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 12:50 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 08:36 AM (IST)
कोरोना से निपटने में अब काम आएगा 123 वर्ष पहले बना महामारी रोग अधिनियम 1897
कोरोना से निपटने में अब काम आएगा 123 वर्ष पहले बना महामारी रोग अधिनियम 1897

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने जो ताजा आंकड़े पेश किए हैं उसके मुताबिक यह दुनिया के 118 में फैल चुका है। इसकी वजह से अब तक 4614 लोगों की मौत हो चुकी है और इससे 125288 लोग पूरी दुनिया में संक्रमित हैं। कोरोना की चपेट में अब आम आदमी से लेकर खास तक है। आपको बता दें कि स्‍पेन की मंत्री और ब्रिटेन की स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री भी इससे संक्रमित हैं। इसके अलावा कनाडा के प्रधानमंत्री की पत्‍नी भी इसकी चपेट में हैं। इससे पहले इसकी चपेट में आने से ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला खामनेई के प्रमुख सलाहकार की मौत हो चुकी है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन लगातार इसको लेकर चेतावनी जारी कर रहा है। डब्‍ल्‍यूएचओ द्वारा इसे महामारी घोषित किए जाने के बाद भारत के कई राज्‍यों ने भी इसको महामारी घोषित किया है। ऐसा केंद्र सरकार के निर्देश पर किया गया है। राज्‍‍‍‍‍‍यों में ये महामारी रोग अधिनियम-1897 के प्रावधान के तहत किया जा रहा है। 

loksabha election banner

प्‍लेग से निपटने को बनाया था कानून 

आपको बता दें कि यह कानून राज्य एवं केंद्र सरकार को किसी महामारी का प्रसार रोकने के लिए अतिरिक्त शक्तियां प्रदान करता है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्यों ने इस कानून को लागू करना शुरू कर दिया है। इसमें सरकारी आदेश को न मानने पर गिरफ्तारी एवं सजा तक देने का प्रावधान है। इस कानून को मुंबई में फैली प्लेग की महामारी से निपटने के लिए बनाया गया था। इस कानून का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब लगता है कि किसी महामारी को रोकने के लिए सामान्य कानून पर्याप्त नहीं है। गौरतलब है किअब से पहले वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया गया था। 

सरकार के पास कानून के तहत शक्तियां 

इस कानून में प्रावधान है कि सरकार रेलवे या किसी अन्य माध्यम से यात्रा करने वाले यात्रियों की जांच कर सकती है। किसी वायरस संदिग्ध को अलग-थलग किया जा सकता है या अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। संक्रमण फैलने की आशंका के मद्देनजर ये कानून ऐसे किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार देता है जिस पर ऐसी आशंका हो। 

कब होता है लागू

आपको यहां पर ये भी बता दें कि केंद्र सरकार इस कानून को उस वक्‍त लागू करती है जब उसको लगता है कि महामारी को रोकने के लिए उठाए गए सभी कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं। ऐसे में वह इस कानून के सहारा लेती है। 

जुर्माना लगाने का प्रावधान

इस कानून के लागू होने के बाद यदि कोई भी व्‍यक्ति सरकार के आदेशों को नजरअंदाज करता है तो उसपर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान इस कानून के तहत सरकार को दिया गया है। ऐसा करना आईपीसी की धारा 188 के तहत एक अपराध है। 

रोका जा सकता है कोरोना का प्रकोप

कोरोना वायरस के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने यहां तक कहा है कि यदि यदुनिया के सभी देश इससे निपटने के लिए कदम उठाएं, तो इस पर काबू पाया जा सकता है। 

क्‍या होती है महामारी

आपको यहां पर ये भी बता दें कि महामारी बीमारी की उस अवस्था को कहते हैं जब बीमारी का प्रकोप एक भोगौलिक क्षेत्र में होता है और इसका विस्‍तार लगातार दूसरे देशों में फैलता है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि इस महामारी से पीडि़त टॉप-10 देशों में चीन (80981 मामले), इटली (12462 मामले), ईरान (9000 मामले), रिपब्लिक ऑफ कोरिया (7983 मामले), फ्रांस (2281 मामले), स्‍पेन (2140 मामले), जर्मनी (1567 मामले), यूएसए (987 मामले), स्विटजरलैंड (815 मामले) और  जापान (620 मामले) है।

ये भी पढ़ें:- 

कोरोना वायरस के बचाव में प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स की कमी बन सकती है घातक: WHO

Coronavirus के इलाज को लेकर उड़ रही अफवाहों के चक्‍कर में पड़े तो पड़ जाएंगे लेने के देने
जानें कोरोना वायरस के इलाज को लेकर फैल रही कैसी-कैसी भ्रांतियां और क्‍या है इनका सच


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.