राशन प्रणाली में सुधार के प्रयासों को पलीता लगा रहे हैैं राज्य
रामविलास पासवान ने सभी राज्यों को अक्तूबर 2019 तक का अल्टीमेटम दिया है, ताकि राशन प्रणाली की पूरी तरह चाक चौबंद कर दिया जाए।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन प्रणाली में केंद्र सरकार के सुधारों को कई राज्य पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे राज्यों को केंद्र सरकार प्रणाली में सुधार के प्रावधानों को लागू करने की सख्त हिदायत दी है। पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और बंगाल जैसे राज्यों में राशन की दुकानों पर अभी तक प्वाइंट आफ सेल (पॉस) मशीनें तक नहीं लग पाई है। जबकि आधा दर्जन से अधिक राज्य ऐसे हैं जहां सुधार वाली नई प्रणाली पर अमल नहीं किया जा रहा है।
खाद्य, राशन प्रणाली और उपभोक्ता मामले मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को यहां राज्यों के उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्रियों का सम्मेलन बुलाया गया था। इसमें लंबित सभी मामलों पर विस्तार से कई सत्रों में चर्चा की गई। राज्यों की ओर से योजनाओं पर अमल में हो रही देरी को लेकर चिंता जताई गई। केंद्रीय उपभोक्ता व खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सभी राज्यों को अक्तूबर 2019 तक का अल्टीमेटम दिया है, ताकि राशन प्रणाली की पूरी तरह चाक चौबंद कर दिया जाए।
सरकारी खजाने पर लगभग डेढ़ लाख करोड़ की सब्सिडी का बोझ डालने वाली राशन प्रणाली दुरुस्त नहीं हो पाई है। इससे राशन के लीकेज की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। राशन कार्ड को आधार से जोड़ने भर से 2.52 करोड़ फर्जी उपभोक्ताओं के नाम रद्द किये गये, जिससे 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक में पासवान ने सभी राज्यों की रिपोर्ट लेने के बाद उन्हें अक्तूबर तक का एक और मौका दिया।
राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य बहुत पीछे हैं। इसी तरह पॉस मशीन लगाने में पिछड़ने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे पीछे हैं। राज्य में 81 हजार दुकानों में से केवल 13 हजार दुकानों पर ही मशीनें लगाई गई है। बिहार में केवल 62 दुकानों पर मशीनें लगी हैं। पश्चिम बंगाल में एक भी मशीन नहीं लगाई जा सकी है। सबसे खराब हालत दिल्ली में है, जहां की लगभग सभी दुकानों पर मशीनें लगी थीं, जिन्हें हटा लिया गया है।
असहायों के घर पहुंचेगा का राशन
खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यों से आग्रह किया कि वे असहाय उपभोक्ताओं के घर तक राशन का अनाज पहुंचाने का बंदोबस्त करें। उन्होंने कहा कि अनाज की कमी से किसी को मौत भूख की वजह से नहीं होनी चाहिए। कोई उपभोक्ता लगातार अनाज नहीं उठा रहा है तो उसकी वजह जानने की जरूरत है। आधार नंबर से जुड़े राशन कार्ड के के बारे में विस्तार से जानकारी की जा सकती है। कोई असहाय व्यक्ति अनाज राशन दुकान तक पहुंचने में असमर्थ हो तो उसकी सहमति से किसी संबंधी को या पड़ोसी को अनाज की आपूर्ति की जा सकती है।