'मेक इन इंडिया' के तहत मेट्रो रेल के लिए मानक तय
केंद्र ने मेक इन इंडिया के तहत मेट्रो रेल प्रणाली के संदर्भ में नए मानक जारी किए हैं।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। केंद्र ने 'मेक इन इंडिया' के तहत मेट्रो रेल प्रणाली के संदर्भ में नए मानक जारी किए हैं। इनका उपयोग लिफ्ट, एस्केलेटर, सुरंग में प्रकाश आने और जाने की व्यवस्था सहित पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली में किया जाना है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि अगर राज्य सरकार मेट्रो परियोजनाओं में केंद्र की आर्थिक सहायता प्राप्त चाहती है तो उन्हें इनका पालन करना होगा।
मंत्रालय के मुताबिक इन मापदंडों का प्रयोग मानकीकरण खरीद और स्वदेशीकरण के उद्देश्य के तहत किया जाना है। इसके तहत विभिन्न मेट्रो रेल प्रणाली में उपयोग होने वाली विद्युत वस्तुओं की तकनीकी विशेषताओं में एकरूपता रखना है।
मंत्रालय द्वारा जारी मानकों में अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन और पार्किंग के अंदर विभिन्न प्रकार की लाइटें लगाने की बात कही गई है। ये लाइटें एलईडी की तरह ऊर्जा की बचत करती हों। लाइटें इस तरह से लगाई जानी चाहिए कि बिजली जाने की स्थिति में कम से कम पचास फीसद लाइटें यूपीएस पर 30 मिनट तक जलती रहें। मेट्रो स्टेशन पर लगने वाली लिफ्ट ऐसी होनी चाहिए कि वह कम से कम 13 लोगों (1,000 किलो) को ले जाने में सक्षम में हो।
मंत्रालय ने आगे कहा है कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कम से कम 50 फीसद स्थानीय सामग्री की खरीद सुनिश्चित की जाए। पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली के तहत आने वाली एयर कंडीशनिंग प्रणाली, वेंटीलेशन प्रणाली और स्टेशन स्मोक मैनेजमेंट के तहत यात्रियों और कर्मचारियों के लिए ताजी हवा सुनिश्चित की जाए।