EXCLUSIVE : विसरा और रिवॉल्वर की फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद तय होगा दोषी
भय्यू महाराज आत्महत्या केस में सीएसपी की जांच 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। उन्हें विसरा और रिवॉल्वर की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।
इंदौर [जेएनएन]। भय्यू महाराज आत्महत्या केस में सीएसपी की जांच 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। उन्हें विसरा और रिवॉल्वर की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है। दोनों रिपोर्ट के बाद यह तय होगा कि आखिर महाराज की आत्महत्या का दोषी कौन है। 50 वर्षीय भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) ने 12 जून को सिल्वर स्प्रिंग स्थित बंगले में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मामले की सीएसपी (खजराना) मनोज रत्नाकर को जांच सौंपी गई। सीएसपी ने पत्नी, बेटी, आश्रम, रिश्तेदार और सेवादारों, डॉक्टर से जुड़े करीब 25 लोगों के बयान लिए।
सूत्रों के मुताबिक कुछ लोगों ने बताया कि महाराज पत्नी डॉ. आयुषी और बेटी कुहू के बीच चल रहे विवाद के कारण तनाव में थे, वहीं कुछ लोगों ने आर्थिक कमजोरी और कर्ज की बात कही। जांच में शामिल अफसर के मुताबिक हमारी जांच जारी है। किसी को भी क्लीन चिट नहीं मिली है। महाराज को किस बात का तनाव था, इसकी तह तक जाएंगे। संभव है किसी को मुलजिम भी बनाया जाए। फिलहाल हैंडराइटिंग, विसरा और रिवॉल्वर की जांच रिपोर्ट आना शेष है।
इन लोगों से हुई पूछताछ
कुहू (बेटी), डॉ.आयुषी (पत्नी), कुमुदिनी (मां), सरोज सोलंकी, गोलू उर्फ गोल्डू (नौकर), योगेश देशमुख, शरद शर्मा, प्रवीण देशमुख, राजेंद्र पंवार, अमोल चव्हाण, शरद पंवार, संजय यादव, तुषार पाटिल (सेवादार व ट्रस्ट पदाधिकारी), मनमीत अरोरा (कंस्ट्रक्शन व्यवसायी), राजा उर्फ निवेश बड़जात्या (वकील), मधुमति उर्फ रेणु पाटिल, प्रदीप पाटिल, आराधना पाटिल, अनिल पाटिल (बहन व बहनोई), मनोहर सोनी (दोस्त), दिलीप देशमुख व अरुण देशमुख (भाई), डॉ. विनोद पोरवाल, डॉ. त्रिवेदी सहित अन्य।
भोपाल से आया दोस्त का कॉल
पुलिस यह जान चुकी है कि महाराज के परिजन और सेवादार आत्महत्या की असल वजह छिपा रहे हैं। उन्होंने तनाव को ही वजह बताकर किनारा कर लिया है। पुलिस मुख्य कारणों को ढूंढने की कोशिश कर रही है। मंगलवार को भोपाल से भय्यू महाराज के एक दोस्त का कॉल आया। उसने डीआईजी से कहा कि वह आत्महत्या के कारणों के बारे में बातें शेयर करना चाहता है। डीआईजी ने उसे मिलने बुलाया है।
पुलिस को गुमराह कर रहे थे, कॉल डिटेल से ढूंढे जा रहे राज
एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक कुछ लोगों के इशारे पर सेवादार और ट्रस्टी पुलिस को गुमराह कर रहे हैं। हमने कॉल डिटेल सामने रखी तो जवाब देने से कतराने लगे। पहले वह लिखा गया जो उन्होंने बताया। अब उनके बयानों को क्रॉस चेक किया जा रहा है। इसी से सच और झूठ का पता लगाया जाएगा।
सेवादार-नौकरों से भय्यूजी की जासूसी करवाने लगी थीं पत्नी और बेटी
पत्नी और बेटी के बीच खींचतान में फंसे भय्यू महाराज के अपने सेवादार और नौकर ही उनकी जासूसी करने लगे थे। इसके लिए उनकी पत्नी और बेटी सेवादारों और नौकरों पर दबाव बनाती थीं। बेटी इस बात का पता लगाने में जुटी रहती थी कि पिता दूसरी पत्नी के लिए क्या कर रहे हैं, जबकि दूसरी पत्नी का ध्यान बेटी से होने वाली बातचीत पर लगा रहता था। यह खुलासा भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) के नौकर और सेवादारों के बयानों से हुआ।
आश्रमों के संचालन पर संकट
भय्यू महाराज के मौत के बाद उनकी हजारों करोड़ की सपत्ति होने के दावे किए जा रहे हैं। इन सबके बीच सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट के सामने देश में अलग-अलग स्थानों पर 11 आश्रम और 20 बड़ी योजनाओं का संचालन एक बड़ी चुनौती है। ट्रस्ट की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की बात महाराज भी डेढ़ साल पहले स्वीकार चुके थे। ऐसे में उनके आत्महत्या के कदम ने हालत को और मुश्किल कर दिया है। वहीं दूसरी ओर संत भय्यू महाराज की मौत के बाद पुलिस ने पांच दिन के भीतर 15 से ज्यादा लोगों के बयान लिए लेकिन 'महाराज' से पर्दा नहीं उठा। महाराज से जुड़े लोगों ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए हैं। पुलिस उन कुछ लोगों से पूछताछ करने में कतरा रही है जो भय्यू महाराज को लगातार कॉल कर रहे थे।
बिल चुकाने को लोगों से उधार मांगने पड़े पैसे!
भय्यूजी महाराज की हजार करोड़ की संपत्ति के लिए अब विवाद की स्थिति बन रही है और उसे सुलझाने के लिए तरह-तरह के फार्मूले निकाले जा रहे हैं। उन्हीं महाराज की बीमारी के दौरान पिछले महीनों अस्पताल का बिल चुकाने में समस्या आ रही थी। बेटी कुहू को पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेजने के लिए भी उन्होंने अकसर आश्रम आने वाली मुंबई की प्रसिद्ध गायिका और कुछ कारोबारियों से आर्थिक मदद मांगी थी।
आश्रम से जुड़े सूत्रों में इस बात की भी चर्चा है कि भय्यू महाराज आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे थे। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व 10 लाख रुपए कर्जा भी लिया था। कुछ कारोबारी और अकसर उनके आश्रम आने वाली मुंबई की प्रसिद्ध गायिका से भी रुपए की गुहार लगाई थी। बताया तो यह भी जाता है कि एक महीने पूर्व वह निजी अस्पताल में भर्ती हुए तो उपचार के लिए रुपए कम पड़ गए।
कौन थे भय्यूजी महाराज
29 अप्रैल 1968 को जन्मे भय्यूजी महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख था। वे शुजालपुर के जमीदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यूजी महाराज अब गृहस्थ संत थे। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनकी ही देखरेख में चलता था। उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। उनकी पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है। पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद उन्होने ग्वालियर की डॉक्टर आयुषी शर्मा से दूसरा विवाह किया था।