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उच्चायोग में कार्यरत पाकिस्तानी जासूसों का नेटवर्क खंगालने में जुटी स्पेशल सेल

पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत जासूसों का नेटवर्क ढूंढने में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल संदिग्ध मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल खंगाल रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 10:18 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 10:18 PM (IST)
उच्चायोग में कार्यरत पाकिस्तानी जासूसों का नेटवर्क खंगालने में जुटी स्पेशल सेल
उच्चायोग में कार्यरत पाकिस्तानी जासूसों का नेटवर्क खंगालने में जुटी स्पेशल सेल

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत जासूसों का नेटवर्क ढूंढने में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल संदिग्ध मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल खंगाल रही है। इस बीच, जासूसों के नेटवर्क के जुड़े होने के संदेह में पकड़े गए तीन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। इन लोगों से जासूस कुछ भी हासिल नहीं कर सके थे।

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पाकिस्तानी जासूस किसी से नजदीकी बढ़ाने के लिए हर पैतरा अपनाते थे

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी जासूस किसी से नजदीकी बढ़ाने के लिए हर पैतरा अपनाते थे। वे उनके घर गिफ्ट लेकर जाते थे। ताकि, कर्मी विभाग से जुड़ी अहम जानकारी उन्हें दे दें। ऐसे ही तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में पता चला है कि इन लोगों द्वारा जासूसों से किसी तरह का गिफ्ट नहीं लिया गया। एजेंसियों की जांच में पता चला है कि जासूसों को पाकिस्तान से अधिकारियों को लालच देने और अपने चंगुल में फंसाने के लिए मोटी रकम भेजी जाती थी। वहीं, किन लोगों से संपर्क करना है, इसकी सूची भी दी जाती थी।

जासूसों के पास से सेना की आवाजाही और तैनाती से संबंधित गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए थे

स्पेशल सेल के अधिकारी ने बताया कि जासूसों के पास से सेना की आवाजाही और तैनाती से संबंधित कई गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए थे। पुलिस अब उन लोगों की तलाश में लगी है, जिन्होंने जासूसों को ये दस्तावेज उपलब्ध कराए थे।

दोनों पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत थे

मालूम हो कि गत दिनों खुफिया एजेंसियों की सूचना पर स्पेशल सेल ने करोलबाग इलाके से पाकिस्तानी जासूस आबिद और ताहिर को गिरफ्तार किया था। दोनों पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत थे और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के कहने पर भारतीय सेना से संबंधित सूचनाएं हासिल करने के लिए रेलवे और सेना जैसे अहम विभागों में घुसपैठ करने की फिराक में थे। इसके लिए उन्होंने विभाग के कई कर्मियों से संपर्क साध रखा था।


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