बच्चों को खेलकूद से भी जोड़ेंगे स्कूल, रुचि के आधार बनेगा डाटा बैंक; बच्चों को मिलेगा पैसा
इसके तहत पांचवीं तक के स्कूलों को सालाना पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं जबकि आठवीं तक के स्कूलों को सालाना दस हजार और दसवीं तक के स्कूलों को 25 हजार रुपये दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पढ़ाई-लिखाई के साथ स्कूल अब बच्चों को खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों से जोड़ने के लिए भी जुटेंगे। इसके तहत स्कूलों में शुरू हुए नए शैक्षणिक सत्र में विशेष अभियान चलाने की तैयारी है। इसमें प्रत्येक बच्चे की उसकी खेलकूद से जुड़ी रुचि के आधार पर एक डाटा बैंक तैयार किया जाएगा। बाद में इसी डाटा बैंक के आधार पर उसे संबंधित खेल से जुड़ी सुविधा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की योजना है।
स्कूलों को खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए मौजूदा समय में समग्र शिक्षा के तहत वित्तीय मदद दी जा रही है। इसकी शुरुआत पिछले साल की गई थी। इसके तहत पांचवीं तक के स्कूलों को सालाना पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि आठवीं तक के स्कूलों को सालाना दस हजार और दसवीं तक के स्कूलों को 25 हजार रुपये दिया जा रहा है। हालांकि पिछले साल इस पहल को खेलकूद से जुड़े सामान को खरीदने तक ही सीमित रखा गया था, लेकिन इस बार इसे स्कूलों में एक बड़े अभियान के रूप में शुरू करने की तैयारी है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक यह पूरी पहल सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की खेलकूद से जुड़ी प्रतिभा को पहचानना और उन्हें आगे बढ़ाने में मदद के लिए शुरू की गई है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों से खेलकूद में रुचि रखने वालों बच्चों की पहचान होने के बाद उनकी एक प्रतिस्पर्धा कराई जाएगी। बाद में इसमें चयनित होने वालों को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।