Move to Jagran APP

यहां बेसहारा बच्चों को मिलती हैैं मां और परिवार, बनते हैं शिक्षित और स्वावलंबी

एसओएस चिल्ड्रेन विलेज में हर बच्चे की मां, भाई - बहन और परिवार है, जहां न सिर्फ वह शिक्षित और स्वावलंबी बनता है, बल्कि आम बच्चों की तरह रूठता मचलता भी है।

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 11:18 AM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 02:15 PM (IST)
यहां बेसहारा बच्चों को मिलती हैैं मां और परिवार, बनते हैं शिक्षित और स्वावलंबी
यहां बेसहारा बच्चों को मिलती हैैं मां और परिवार, बनते हैं शिक्षित और स्वावलंबी

माला दीक्षित, नई दिल्ली। 'वो होते हैं किस्मत वाले, जिनकी मां होती हैं' यह फिल्मी गीत व्यक्ति के जीवन में मां की अहमियत बताता है। किसी बच्चे के लिए मां कितनी जरूरी है, इस बात को बेसहारा बच्चों का जीवन और भविष्य सुधारने में लगे एसओएस चिल्ड्रेन विलेज ने आत्मसात कर लिया है। यहां हर बच्चे की मां, भाई - बहन और परिवार है, जहां न सिर्फ वह शिक्षित और स्वावलंबी बनता है, बल्कि आम बच्चों की तरह रूठता मचलता भी है।

loksabha election banner

यहां से निकले बच्चे ऊंची उड़ाने भर रहें हैं। कोई आसमान में उड़ती एयर हास्टेज है, तो कोई होटल मैनेजमेंट में झंडे गाड़ रहा है, या फिर फैशन डिजाइनिंग में भविष्य देख रहा है। हर बच्चे को मां और घर परिवार देने की अवधारणा पर ही देश भर में कुल 32 एसओएस चिल्ड्रेन विलेज चल रहे हैं। लेकिन यहां हम विशेषतौर पर बात कर रहे हैं, भारत में खुले पहले एसओएस चिल्ड्रेन विलेज ग्रीनफील्ड फरीदाबाद की।

हरियाणा के फरीदाबाद में 1964 में पहला एसओएस विलेज खुला था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। आज भी यहां 20 मांओं के साथ करीब 200 बच्चे रहते हैं। घरों पर नाम पट्टिका लगी हैस जिसमें उस घर का नाम लिखा है। पहला घर नई मंजिल है, दूसरा आंचल साया, तीसरा गुलिस्तां, चौथा आशा निकेतन तो पांचवां रश्मि निवास। ऐसे ही सभी घरों को नाम दिया गया है, जहां हर बच्चे की अपनी मां, भाई-बहन और परिवार है। यहां 24 वर्ष की आयु तक करियर बनाने और अपने पैरों पर खड़े होने तक मदद और आश्रय दिया जाता है। यहां के बच्चे अच्छी-अच्छी नौकरियों मे जाने के बाद भी मां से संबंध रखते हैं। मां बाद में दादी और नानी मां बन जाती हैं। संस्था मांओं को भी सेवानिवृति के बाद आश्रय देती है।

एक मां से साथ रहते हैं 10 बच्चे

एक मां के साथ 10 बच्चे रहते हैं। मां सुबह उठ कर बच्चों का टिफिन तैयार करती है, जिसे लेकर बच्चे स्कूल बस में बैठ जाते हैं और बस उन्हें सीबीएसई मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के एसओएस हरमन माइनर स्कूल पहुंचा देती है। आम बच्चों की तरह यहां भी बच्चों को जेब खर्च मिलता है और जन्मदिन पर विशेष आयोजन होता है। केरल की रहने वाली एक महिला 20 साल पहले ग्रीनफील्ड फरीदाबाद के चिल्ड्रेन विलेज में कुछ समय के लिए आयीं थी और बाद में यहीं की होकर रह गईं। महिला बताती हैं कि 1998-1999 में फरीदाबाद के इस चिल्ड्रेन विलेज में आने से पहले वह केरल में नन थीं। मदर टेरसा से प्रभावित होकर मानव सेवा के लिए वह नन बनीं थीं। यहां मां बन कर भी उन्हें वही सुखद अनुभूति हुई, जिसकी उन्हें चाहत थी।

बच्चों से घिरी बैठी महिला 12 साल की एक लड़की को गोद में बिठाते हुए कहतीं हैं कि यह जन्म के कुछ घंटों बाद ही उनके पास आ गई थी और आज भी वह उनके साथ ही सोती है। वह अलग बिस्तर पर नहीं सो सकती। इस लड़की से दौड़ में कोई आगे नहीं निकल सकता। वह अच्छी एथलीट है। उड़ीसा की रहने वाली एक महिला भी 20 वर्षों से यहां हैं। उनकी एक बेटी आजकल बंगलौर में इंडिगो एयर लाइंस में एयर हास्टेज है। दूसरी बेटी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से होटल मैनेजमेंट की तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रही है। इंटर्नशिप के लिए वह हैदराबाद के ताज डेकेन में गई थी जहां उसे बेस्ट इंटर्न का अवार्ड मिला है।

मां बनने की एक शर्त

यहां की मां बनने के लिए शर्त है कि महिला अकेली हो और उसका अपना कोई बच्चा न हो। मां बनने से पहले दो वर्ष का प्रशिक्षण होता है, जिस दौरान वह आंटी होती है जो कि मां की अनुपस्थिति मे बच्चों का ख्याल रखती है। नियम के मुताबिक 14 वर्ष से बड़े लड़के, लड़कियों के साथ नहीं रह सकते इसलिए इस आयु के बाद लड़के युवा हॉस्टल में रहते हैं, लेकिन वहां भी अवधारणा परिवार की ही चलती है। ग्रीन फील्ड चिल्ड्रेन विलेज करीब साढ़े सात एकड़ में बसा है जहां खेल कूद से लेकर हर तरह की वह सुविधा उपलब्ध है जो बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.