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सोनिया को विपक्षी एकता की गाड़ी पटरी पर लौटने की उम्मीद

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी विपक्ष की तमाम पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलाने का फैसला लिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 03:05 AM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 03:05 AM (IST)
सोनिया को विपक्षी एकता की गाड़ी पटरी पर लौटने की उम्मीद
सोनिया को विपक्षी एकता की गाड़ी पटरी पर लौटने की उम्मीद

संजय मिश्र, नई दिल्ली। गुजरात से राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत ने केवल कांग्रेस को ही राहत नहीं दी है। दूसरी विपक्षी पार्टियों को भी इस नतीजे में अपनी एकजुटता की गाड़ी फिर से पटरी पर आने की संभावना दिखाई दे रही है। ममता बनर्जी, शरद पवार से लेकर नीतीश से नाराज जदयू नेता शरद यादव ने भी पटेल की जीत पर बधाई देने में देर नहीं की। विपक्षी खेमे की पार्टियों के इस सकारात्मक रुख को भांपते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी विपक्ष की तमाम पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलाने का फैसला लिया है। ममता और पवार से लेकर राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव में साथ रहे 18 दलों के नेताओं को 11 अगस्त की बैठक में बुलाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने शरद यादव को भी बैठक का न्यौता भेजा है।

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एनडीए-भाजपा पर प्रहार की बनेगी रणनीति

 बैठक में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को ही दिल्ली पहुंच रही हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के राजनीतिक खेमा बदलने से राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गोलबंदी की कोशिशों को लगे बड़े झटके के बाद अब ममता विपक्षी एकजुटता की दिशा में सक्रियता दिखाएंगी। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार की बैठक में सोनिया यदि ममता को ज्यादा तवज्जो देती हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं। विपक्षी दलों की यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष ने मानसून सत्र के आखिरी दिन बुलाई है। इसका मकसद एनडीए सरकार व भाजपा पर संसद के बाहर भी एकजुट विपक्ष की लड़ाई को आगे बढ़ाना है।

 समझा जाता है कि इसमें अगला शीत सत्र शुरू होने तक गोरक्षा के नाम पर हिंसा, असहिष्णुता, सरकारी एजेंसियों के सहारे राजनीति को प्रभावित करने से लेकर सियासी विरोधियों को डराने-धमकाने जैसी कार्रवाईयों को प्रमुखता से जनता के बीच उठाने की रणनीति बनेगी। साथ ही किसानों की बदहाली, रोजगार और अर्थव्यवस्था के उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा। इस दौरान विपक्षी दलों के कुछ मुद्दों पर संयुक्त कार्यक्रम पर भी सहमति बन सकती है।

 सोनिया की इस बैठक में यूपीए के सहयोगी दल और ममता तो आएंगी ही मगर इसमें खास निगाहें जदयू के नाराज नेता शरद यादव की ओर रहेंगी। शरद हालांकि बिहार में रहने की वजह से बैठक में शामिल नहीं होंगे मगर अपनी तरफ से राज्यसभा सांसद अली अनवर को भेजेंगे। अनवर भी नीतीश कुमार के भाजपा से हाथ मिलाने से नाराज हैं और शरद यादव के साथ हैं। सोनिया की इस बैठक में माकपा नेता सीताराम येचुरी, नेशनल कांफ्रेंस, राजद, द्रमुक, सपा, बसपा समेत सभी आमंत्रित दलों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है। 


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