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वृद्ध मां के साथ करता था गाली-गलौच, कोर्ट ने घर में घुसने का अधिकार छीना

बॉम्बे हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए वृद्ध मां के साथ गाली-गलौच करने वाले बेटे को उसके घर में जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 10:32 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 10:32 AM (IST)
वृद्ध मां के साथ करता था गाली-गलौच, कोर्ट ने घर में घुसने का अधिकार छीना
वृद्ध मां के साथ करता था गाली-गलौच, कोर्ट ने घर में घुसने का अधिकार छीना

मुंबई (एजेंसी)। बॉम्बे हाई कोर्ट 72 साल की महिला डॉक्टर के बचाव में आगे आया है। कोर्ट ने वृद्ध मां को गालियां देने वाले बेटे को उनके घर (फ्लैट) में जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। मां ने आरोप लगाया कि बेटा उन्हें रोजाना गालियां देता है। बेटे ने मांगी थी इजाजत जस्टिस एसजे काठवाला की पीठ ने महिला के बेटे द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में उसने मां के घर में जाने की इजाजत मांगी थी। पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'प्रथम दृष्टि सबेटा का मां के घर पर कोई अधिकार नहीं है। वह बेदखल किए जाने के आधार पर भी किसी अधिकार की मांग नहीं कर सकता, क्योंकि उसके द्वारा घर में पैदा की गई गंभीर परेशानियों के कारण वह पहले से संकट में है।' बेटे ने अपनी याचिका में स्वयं को, उसकी पत्नी व उसके बच्चे को दक्षिण मुंबई स्थित मां के घर में जाने की इजाजत मांगी थी।

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मां ने बदल दिए ताले
याचिका में बेटे ने कहा कि वह और उसका परिवार मां के घर में ही रहते थे, लेकिन जब वे एक दिन घर से बाहर गए तब उन्होंने अपने घर के ताले बदल दिए। उसका आरोप है कि मां ने उसे गलत ढंग से बेदखल कर दिया है, जबकि इस संपत्ति पर उसका भी अधिकार है। जवाब में मां ने कोर्ट से कहा कि वह फ्लैट उसका व उसके स्वर्गीय पति का है। बेटा वर्षों से उनके साथ गाली-गलौज व मारपीट करता आ रहा है। बेटा उसकी पत्नी के उकसावे पर यह कृत्य कर रहा है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि बेटा अपने व्यवहार के लिए मनोचिकित्सक से उपचार भी करा चुका है, लेकिन उसके बाद भी उसका व्यवहार नहीं बदला। इसलिए एक दिन जब वह परिवार सहित बाहर गया था तो उन्होंने ताले बदलवाकर खुद को सुरक्षित कर लिया।

वृद्ध डॉक्टर ने यह भी कहा कि बेटे के व्यवहार से वह भयभीत हैं। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि वह पुलिस को उनकी सुरक्षा के निर्देश दे। इस पर जस्टिस काठवाला ने मालाबार हिल्स पुलिस थाने को निर्देश दिया कि वह उन्हें हर तरह की सहायता प्रदान करे, ताकि वह बिना भय अपने घर में रह सके। कोर्ट ने बेटे व उसके परिवार को मां के घर से अपना सामान ले जाने के भी निर्देश दिए।


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