जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं पर केंद्रित करने के लिए एकांत जरूरी
जब हम लंबे समय तक अपने आप से दूर होकर दुनिया की तीव्र रफ्तार और बातों से त्रस्त हो जाते हैं इसकी खुशियों से थक जाते हैं तब एकांत कितना सुकून देता है।
नई दिल्ली, सीमा झा। विलियम वर्डसवर्थ ने लिखा है, ‘जब हम लंबे समय तक अपने आप से दूर होकर दुनिया की तीव्र रफ्तार और बातों से त्रस्त हो जाते हैं, इसकी खुशियों से थक जाते हैं, तब एकांत कितना सुकून देता है।’ पिछली बार ऐसा कब हुआ था जब आपने चुप और शांत रहने का समय निकाला था? कब ऐसा हुआ जब अतीत में आपने अपने आपको समेटने, सहेजने, पुनर्जीवित करने और दोबारा अपने ध्यान को केंद्रित करने के लिए एकांत की शक्ति का आनंद उठाने के लिए समय निकाला था?
एकांत का महत्व मुझे एक लाइट हाउस के बूढ़े कर्मचारी के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। उस आदमी के पास अपनी मशाल जलाने के लिए बहुत कम मात्र में तेल बचा था, जिससे वह आते-जाते जहाजों को चट्टानी समुद्र तट से बचाने के लिए आगाह कर पाता था। एक रात पास में रहने वाले एक आदमी को इस बहुमूल्य वस्तु की आवश्यकता पड़ी तो लाइट हाउस के कर्मी ने अपने पास से थोड़ा-सा तेल उसे दे दिया। एक और रात एक यात्री ने अनुरोध करके थोड़ा-सा तेल मांगा।
लाइट हाउस का रक्षक अपनी प्राथमिकता भूल गया
लाइट हाउस के कर्मी ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और उसकी जरूरत के मुताबिक तेल दे दिया। अगली रात एक माताजी ने दरवाजा ठकठकाया तो उसकी नींद खुल गई। माता जी ने थोड़े से तेल की प्रार्थना की जिससे वह अपने घर में रोशनी कर सकें। कर्मचारी ने उनकी बात भी मान ली और जल्द ही पूरा तेल खत्म हो गया और मशाल बुझ गई। कई जहाज डूब गए। बहुत-सी जिंदगियां खत्म हो गईं, क्योंकि लाइट हाउस का रक्षक अपनी प्राथमिकता भूल गया था। दरअसल,उसने अपने सबसे प्राथमिक कर्तव्य की अवहेलना की और उसे इसका मूल्य चुकाना पड़ा। एकांत का अनुभव अगर दिन में कुछ मिनट के लिए भी किया जाए तो वह आपको अपना ध्यान अपने ही जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं पर केंद्रित करने में मदद करेगा, ताकि हम जीवन के किसी भी काम में असावधानी न बरतें।
-रॉबिन शर्मा (हू विल क्राई व्हेन यू डाई- पुस्तक से साभार)
चुनें अपनी 5 प्राथमिकताएं
जाने-माने मैनेजमेंट गुरु पीटर ब्रैगमैन '18 मिनट्स-फाइंड योर फोकस, मास्टर डिस्ट्रैक्शन ऐंड गेट द राइट थिंग' किताब लिखी है। उन्होंने अपनी पांच प्राथमिकताओं को चुनने की सलाह दी है। आपका तकरीबन 95 प्रतिशत समय उन्हीं के आसपास रहना चाहिए। यदि आप यह समझ जाएं कि आपको क्या चीजें आनंद दे रही हैं, आसानी महसूस करा रही हैं, आपको मजबूती और जीवन की सार्थकता दे रही हैं तो प्राथमिकताओं को निर्धारित करना आसान हो जाता है :
1.अपनी सेहत और खुशी को कायम रखना-यह सर्वोच्च प्राथमिकता है। कुछ खास चीजें आपकी खुशी पर सीधा असर डालती हैं, इसलिए वे पहली प्राथमिकता हों। जैसे- नींद, कसरत, रचनात्मक कार्य, आत्मविकास और आपके रिश्ते।
2. परिवार और उसके बाद विस्तारित परिवार यानी मित्र व समुदाय। याद रखें, बच्चों पर ध्यान देंगे तो वे बड़े होकर बेहतरीन परिवार और परिवेश के निर्माण में योगदान देंगे। परिवार की ढाल बनकर साथ रहेंगे।
3. अपने संपर्क सूत्र और नेटवकिर्ंग पर काम करना।
4. नौकरी को बहुत प्यार से संवारना है। इसके अनुसार खुद को समृद्ध करते रहना है। यह समाज में सम्मान तो दिलाता ही है, आपके व्यक्तिगत विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. सामुदायिक सेवा में योगदान करना। संबंधित गतिविधियों में भाग लेना। उक्त प्राथमिकताओं पर नियमित काम करें। याद रहे, जीवन की गुणवत्ता अपनी प्राथमिकताओं पर काम पर निर्भर होती है।
क्रिस्टीन कार्टर डॉटकॉम से साभार
लेखिका- क्रिस्टीन कार्टर