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Surya Grahan 2019: ग्रहण है भौगोलिक अवधारणा- ग्रहों का बदलाव होता है असरदार, विशेषकर गर्भवती महिलाएं रहें सतर्क

26 दिसंबर यानि गुरुवार को सुबह आठ बजकर पांच मिनट से सूर्य ग्रहण प्रारंभ होकर सुबह 11.05 बजे तक रहेगा। पूर्ण ग्रहण सुबह 9.27 पर दिखेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 09:53 AM (IST)
Surya Grahan 2019: ग्रहण है भौगोलिक अवधारणा- ग्रहों का बदलाव होता है असरदार, विशेषकर गर्भवती महिलाएं रहें सतर्क

नई दिल्‍ली, एजेंसी। चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण हमारी संस्‍कृति में इस दौरान कई कामों को वर्जित कर दिया जाता है। 26 दिसंबर यानि गुरुवार को सुबह आठ बजकर पांच मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हुआ और सुबह 11.05 बजे खत्‍म हो गया।  पूरे ग्रहण के दौरान लोगों के लिए कई मान्‍याताएं हैं जिसमें से कुछ अंधविश्‍वास और मिथक हैं वहीं कुछ वैज्ञानिक तथ्‍यों को लिए है जो सच है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है।

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सूर्यग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान कई कामों को वर्जित कर दिया जाता है, यह केवल अंधविश्‍वास या मिथक नहीं है। हकीकत यह है कि वैज्ञानिक कारणों को परंपरा से जोड़ दिया गया है। ग्रहण हमारे शरीर और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

सूर्य ग्रहण और गर्भावस्था 

ग्रहों में बदलाव आने से फर्क पड़ता है लेकिन कई अंधविश्‍वास व मिथकों को भी इससे जोड़ कर देखा जाता है। खासकर इस दौरान सूर्य से निकलने वाली किरणें नुकसान दायक होती हैं। वहीं ग्रहण से जुड़े अंधविश्‍वास व मिथकों की माने तो भारतीय संस्‍कृति के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को खास एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है। इन्‍हें किसी तरह के सब्‍जी, फल या कुछ भी वस्‍तु को काटने से मनाही होती है। इसके पीछे मान्‍यता है कि उनके गर्भ में पल रहे बच्‍चे को नुकसान पहुंचेगा। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। क्‍योंकि गर्भ के भीतर भ्रूण बिल्‍कुल सुरक्षित होता है उन्‍हें किसी तरह का कोई खतरा नहीं होता।

भौगोलिक अवधारणा है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण भौगोलिक अवधारणा है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इस तरह से संरेखित होते हैं कि सूर्य को पृथ्वी से आंशिक रूप से या पूरी तरह से ढका हुआ देखा जा सकता है। इन्‍हीं ग्रहों की भौगोलिक स्थिति को ज्‍योतिष शास्‍त्र अपने अनुसार बताता है जो कहीं न कहीं वैज्ञानिक तथ्‍यों को लिए होते हैं।

खास चेतावनी- अपनी आंखों को बचाएं। सूर्य की ओर सीधे न देखें। आंखों में चश्‍मे पहन कर ग्रहण का नजारा देख सकते हैं। दरअसल, इस दौरान सूर्य से निकलने वाली किरणें आंखों के रेटिना को जला देती है, इससे स्‍थायी तौर पर नुकसान हो सकता है यहां तक कि इससे अंधापन भी आ सकता है।

ग्रहण देखने का सुरक्षित उपाय- ग्रहण का नजारा अद्भुत होता है। इसे देखने के लिए ग्रहण के लिए विशेष तौर पर बनाए गए चश्‍मे का इस्‍तेमाल किया जाता है। या फिर ग्रहण की तस्‍वीर को पिनहोल प्रोजेक्‍टर के जरिए देख सकते हैं।

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